नगर निगम शिमला के मेयर-डिप्टी मेयर का कार्यकाल अब 5 साल, आरक्षण रोस्टर में बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को हुई हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें सबसे बड़ा फैसला नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर के कार्यकाल को ढाई साल से बढ़ाकर पांच साल करने का रहा। इसे लेकर राज्य सरकार आरक्षण रोस्टर में बदलाव करेगी। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में रोस्टर में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दे दी है।अब राज्य के सभी नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर पूरे पांच साल तक अपने पद पर बने रहेंगे।

वर्तमान में शिमला नगर निगम में कांग्रेस का कब्जा है, जहां सुरेंद्र चौहान मेयर और उमा कौशल डिप्टी मेयर के रूप में कार्यरत हैं। दोनों का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। पहले से तय रोस्टर के तहत मेयर का पद अगले ढाई साल के लिए महिला के लिए आरक्षित होना था। लेकिन अब रोस्टर में बदलाव होने पर वर्तमान मेयर व डिप्टी मेयर यह अवधि बढ़ने से वे पूरे पांच साल तक अपने पद पर बने रहेंगे। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ढाई साल के कार्यकाल के चलते बार-बार हॉर्स ट्रेडिंग और अस्थिरता की स्थिति बनती थी। इसलिए सरकार ने स्थायित्व और सुचारु प्रशासन के लिए यह फैसला लिया है।

हालांकि, इस निर्णय पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर मेयर चुनाव से भागने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पता है कि प्रदेश का मूड कांग्रेस के खिलाफ है, इसलिए वे चुनाव से बचना चाहते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को डर है कि उनके ही पार्षद कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे। इसी कारण पहले नगर निगम चुनाव टाले गए, फिर पंचायत चुनाव, और अब मेयर चुनाव से भी बचने की कोशिश की जा रही है।

जयराम ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस वक्तव्य में इस निर्णय का जिक्र तक नहीं किया गया, जिससे उनकी नीयत पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि “व्यवस्था परिवर्तन” का नारा देने वाली सरकार वास्तव में चुनावों से भाग रही है क्योंकि जनता उसकी नाकामी से नाराज़ है।

इस बीच कैबिनेट बैठक में अन्य फैसलों में पूरे प्रदेश में आपदा प्रभावितों के लिए स्पेशल पैकेज लागू करने, स्वास्थ्य विभाग में 400 स्टाफ नर्सों के पद सृजित करने, पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने और पर्यटन निवेश को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म इन्वेस्टमेंट प्रमोशन काउंसिल गठित करने को भी मंजूरी दी गई।

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