
Lucknow : लखनऊ में एक महिला ने जाली दस्तावेजों के सहारे मृतक किसान की पत्नी बनकर संपत्ति हड़पने की कोशिश की। राजस्व निरीक्षक द्वारा मामला विवादित बताए जाने पर किसान की असली पत्नी को धोखाधड़ी का पता चला। वृद्धा ने अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बाद में कोर्ट के आदेश पर धोखेबाज महिला और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जाली दस्तावेजों में खुद को दिवंगत किसान की पत्नी बताकर जालसाज महिला ने करोड़ों की संपत्ति हड़पने की साजिश रची। इसकी जानकारी किसान की पत्नी को तब हुई, जब वरासत के आवेदन में राजस्व निरीक्षक ने मामले को विवादित बताकर नायब तहसीलदार निगोहां की कोर्ट में वाद दाखिल कर दिया।
वृद्धा गुहार लेकर अफसरों के दरवाजे खटखटाती रही, पर सुनवाई नहीं हुई। वृद्धा के बेटों ने दस्तावेजों का परीक्षण कराया, तो वह फर्जी निकले। थाना प्रभारी नगराम, विवेक कुमार चौधरी ने बताया कि पीड़िता ने कोर्ट की मदद से पूर्व प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव और जालसाज महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
मामले की पुष्टि करते हुए, ममईमऊ गांव निवासी वृद्धा जगदेई ने बताया कि उनके पति, जगदेव प्रसाद, का 2 अगस्त 2016 को निधन हो गया था। उनके दो बच्चे, विजय और अजय कुमार हैं। पति की हरदोया और ममईमऊ स्थित जमीन की वरासत के लिए आवेदन किया गया। राजस्व निरीक्षक ने मामले को विवादित बताकर, नायब तहसीलदार कोर्ट निगोहां में वाद दाखिल कर दिया।
वाद के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, और 23 फरवरी 2021 को उनके नाम जमीन का वारिस के रूप में दर्ज करने का आदेश जारी हुआ। इसी तरह, ममईमऊ स्थित जमीन में भी उनका नाम दर्ज कराने का आदेश 12 अगस्त 2021 को हुआ, लेकिन संपत्ति उनके नाम वरासत नहीं हुई।
इस बीच, उन्हें पता चला कि नगराम के अनैया खरगापुर में रहने वाली कमला उर्फ मालती देवी ने साजिश रचकर दस्तावेजों (आधार कार्ड व अन्य) में अपने को जगदेव प्रसाद की पत्नी दर्शाकर आवेदन किया है, ताकि वह प्रापर्टी अपने नाम कर सके। इस पूरे मामले में पूर्व प्रधान और एक पंचायत सचिव भी शामिल हैं।
उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं, ताकि संपत्ति मालती के नाम कराकर उसे बेच सकें। यह जानकारी मिलते ही, उन्होंने तहसील से मालती द्वारा किए गए आवेदन के दस्तावेजों की नकल निकलवाई, जिसमें पता चला कि आधार कार्ड व परिवार रजिस्टर में मालती का नाम दर्ज है। विरोध करने पर आरोपितों ने धमकी दी। कोर्ट में अपील की गई, और कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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