
- मदरसे में मासूम के चरित्र पर कलंक, बच्ची की जिंदगी बर्बाद, परिवार दहशत में पिता की पुकार: “अगर इंसाफ नहीं मिला तो मेरी बेटी अपनी जान दे देगी”
Moradabad : दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर का बड़ा असर हुआ है। थाना पाकबड़ा पुलिस ने अब इस संवेदनशील मामले में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामला थाना पाकबड़ा क्षेत्र के लोदीपुर स्थित एक मदरसे से जुड़ा है, जहां मनी बाजरा (चंडीगढ़) निवासी मोहम्मद यूसुफ ने अपनी नाबालिग बेटी के चरित्र पर झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
परिवार का कहना है कि मदरसे के कुछ प्रभावशाली लोगों ने साजिश के तहत उनकी बेटी को बदनाम करने की कोशिश की ताकि वह न पढ़ सके, न समाज में सिर उठा सके। पिता यूसुफ का दर्द छलक पड़ा बेटी ने किसी का अपमान नहीं किया, न किसी से बदतमीजी की, फिर भी उसे चरित्रहीन कहकर अपमानित किया गया। अब वह डरी हुई है, रोती रहती है और खुद को कमरे में बंद कर लेती है।
मदरसे का जुल्म: टीसी के नाम पर वसूली और धमकी
यूसुफ ने बताया कि जब उन्होंने बेटी की टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) मांगी तो मदरसा प्रबंधन ने ₹500 की मांग की। पैसे देने के बाद भी न तो टीसी दी गई और न फीस लौटाई गई। उल्टा परिवार को धमकाया गया कि अगर शिकायत की तो बेटी का भविष्य हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएगा। परिवार का आरोप है कि धमकियों और सामाजिक बहिष्कार के डर से अब वे घर से निकलने तक में घबराने लगे हैं।
एसपी सिटी ने दिए सख्त निर्देश
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह की टीम बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शिकायत के आधार पर वैज्ञानिक और पारदर्शी जांच की जा रही है। टीसी जारी करने की प्रक्रिया, पैसों की वसूली और चरित्र पर टिप्पणी तीनों पहलुओं की गहराई से जांच होगी। उन्होंने कहा कि बच्ची की मानसिक और सामाजिक सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर कार्रवाई होगी।
कानूनी पहलू
चरित्र पर टिप्पणी करना गंभीर अपराध है। कानून के मुताबिक किसी नाबालिग के चरित्र पर झूठे आरोप लगाना मानहानि, मानसिक शोषण और बाल अधिकारों का उल्लंघन है। अगर आर्थिक वसूली भी हुई है, तो धोखाधड़ी और धमकी के अपराध भी बनते हैं। बाल सुरक्षा अधिनियम (POCSO) और मानव अधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ऐसे मामलों में संवेदनशील और गोपनीय जांच अनिवार्य है।
समाज की प्रतिक्रिया
खामोशी टूटी, उठी आवाज़ मामले के सार्वजनिक होते ही इलाके में आक्रोश फैल गया है। महिलाओं के समूहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बच्ची के समर्थन में आवाज़ उठाई है। सभी का कहना है कि बच्चों की शिक्षा और सम्मान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पारदर्शिता और जवाबदेही हर संस्थान में ज़रूरी है।
परिवार की मांगें:
- सभी आरोपियों की पहचान कर त्वरित कार्रवाई
- ₹500 की अवैध वसूली और अन्य रकम की वापसी
- बेटी की सुरक्षा और पढ़ाई की गारंटी
- मनोवैज्ञानिक व चिकित्सीय सहायता
पिता मोहम्मद यूसुफ ने कहा हमारा दर्द कोई नहीं समझ सकता। अगर हमें इंसाफ नहीं मिला, तो मेरी बेटी खुद अपनी जान दे देगी। मैं नहीं चाहता कि कोई और पिता मेरी तरह तिल-तिल कर जले।
फिलहाल पुलिस ने तीन आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच जारी है और प्रशासन ने भरोसा दिया है कि साक्ष्यों के आधार पर निष्पक्ष कार्रवाई होगी। यह मामला अब सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज में बाल शिक्षा और सम्मान की रक्षा का प्रतीक बन गया है। फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दबिश देना शुरू कर दिया है। जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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