
MP : पूर्व मंत्री और मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस बार किसानों और आम जनता के लिए दीवाली “निराशाजनक और नीरस” रही। उन्होंने बताया कि केवल 20% लोग ही दीवाली मना पाए, जबकि 80% लोग केवल इसका दर्शन कर हाथ मलते रह गए।
महंगी सोयाबीन तेल और फसल खराबी ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें
नायक ने बताया कि ₹180 प्रति लीटर की दर से सोयाबीन तेल खरीदने में असमर्थ लोगों को मजबूरन लड्डुओं पर निर्भर रहना पड़ा। इसके साथ ही फसल खराब होने और राहत न मिलने के कारण किसानों की स्थिति और कठिन हो गई।
कृषि उपकरण, डीजल और उर्वरक कालाबाजारी ने तोड़ा किसानों का दम
उन्होंने कहा कि डीएपी की आधिकारिक कीमत ₹1,350 प्रति बोरी है, लेकिन कालाबाजारी में इसे ₹2,000-₹2,500 में बेचा जा रहा है। यूरिया भी ₹450-₹500 में बिक रही है। किसानों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है और मजबूरन महंगे दाम चुकाने पड़ रहे हैं।
सोयाबीन की फसल के लिए किए गए वादे खोखले साबित
नायक ने कहा कि किसानों को ₹6,000 प्रति क्विंटल देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें केवल ₹2,700-₹3,500 प्रति क्विंटल ही मिला। अत्यधिक बारिश और पीला मोज़ेक बीमारी ने फसल को पहले ही नुकसान पहुंचा दिया।
भावांतर योजना और शिवराज सरकार पर कड़ा हमला
उन्होंने भावांतर भुगतान योजना को “झूठा दावा” करार देते हुए इसकी देरी से शुरू हुई पंजीयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया। साथ ही, शिवराज सिंह चौहान के बेटे की शादी में हेलीकॉप्टर से कुदाल लेकर उतरने को दिखावा बताया और किसानों की वास्तविक पीड़ा समझने वाले नेताओं का उदाहरण देते हुए सरकार से किसानों के उचित दाम, सस्ते उर्वरक और समय पर राहत प्रदान करने की मांग की।