‘खंडिता’ उपन्यास ने भारतीय और विदेशी पाठकों के दिलों में बनाई जगह

  • अंग प्रदेश से उभरी नई आवाज़: लेखक-निर्देशक निर्जर वृन्द की ‘खंडिता’ ने पायी राष्ट्रीय पहचान, गाना ‘रात के साये’ हुआ वायरल, वेब सीरीज ‘The Mayaganj’ की शूटिंग जारी

भागलपुर। साहित्य और मनोरंजन की दुनिया में बिहार लगातार अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। इसी कड़ी में भागलपुर के उभरते लेखक, गीतकार और निर्देशक निर्जर वृन्द ने अपनी रचनात्मक पहचान देशभर में बना ली है। उनकी चर्चा इन दिनों तीन अलग-अलग रचनात्मक कारणों से हो रही है – उनका उपन्यास ‘खंडिता’, म्यूज़िक सिंगल ‘रात के साये’, और वेब सीरीज ‘The Mayaganj’।

साहित्य में पहचान: 21 देशों में पढ़ा जा रहा ‘खंडिता’

निर्जर वृन्द द्वारा लिखित हिंदी उपन्यास ‘खंडिता’ ने भारतीय साहित्य प्रेमियों के बीच गहरी छाप छोड़ी है। प्रेम, पीड़ा, इंतज़ार और मानव मन की मनोवैज्ञानिक परतों को बारीकी से दर्शाती यह पुस्तक भारत के साथ 21 देशों में पढ़ी जा रही है। कई पाठकों ने इसे “मर्म को छू लेने वाली प्रेमकथा” कहा है। उपन्यास को ई-पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म्स पर बड़ी सफलता मिली और अब इसके फिल्म रूपांतरण की चर्चाएँ भी तेज हैं।

संगीत में सफलता: ‘रात के साये’ बना वायरल

निर्जर वृन्द द्वारा लिखित और कंपोज किया गया हिंदी डार्क रोमांटिक सॉन्ग ‘रात के साये’ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। यह गाना स्पॉटिफ़ाई, जियोसावन, एप्पल म्यूज़िक और यूट्यूब म्यूज़िक पर रिलीज़ हुआ, जिस पर 5,600 से ज्यादा इंस्टाग्राम रील्स बनाए जा चुके हैं। श्रोताओं ने गीत की गहरी भावनात्मक लेखन शैली और सस्पेंस भरे म्यूजिक की खूब सराहना की है। गाना ऑडियो रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

निर्देशन में कदम: ‘The Mayaganj’ वेब सीरीज़ की शूटिंग जारी

निर्जर वृन्द जल्द ही बतौर निर्देशक अपनी पहचान मजबूत करने वाले हैं। उनकी लिखी और निर्देशित थ्रिलर वेब सीरीज़ ‘The Mayaganj’ की शूटिंग वर्तमान में जारी है। यह सीरीज़ रहस्य, राजनीति, भावनाओं और अपराध की पृष्ठभूमि पर आधारित है जिसमें एक काल्पनिक अस्पताल “मायागंज” में घटती घटनाओं को रोमांचक अंदाज में दिखाया जाएगा।
सीरीज़ के बारे में निर्जर का कहना है —
“मायागंज सिर्फ एक कहानी नहीं, यह विज्ञान की परतों को खोलने वाली एक सच्चाई है।”

वेब सीरीज़ में नए और प्रतिभाशाली कलाकारों को मौका दिया जा रहा है और इसे जल्द ही बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ करने की योजना है। प्रोडक्शन टीम के अनुसार, सीरीज़ का पहला सीज़न 8 एपिसोड में तैयार किया जा रहा है।

साहित्य से स्क्रीन तक की यात्रा

निर्जर वृन्द एक साथ लेखक, गीतकार और निर्देशक के रूप में उभर रहे हैं। लगातार तीन क्षेत्रों में सक्रियता ने उन्हें युवाओं के बीच प्रेरणास्रोत बना दिया है। वे कहते हैं—
“मैं कहानियां लिखता नहीं, जीता हूं। मेरा लक्ष्य हिंदी साहित्य और कंटेंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है।”

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