अग्निपथ योजना में बड़ा बदलाव : सेना 75% अग्निवीरों को स्थायी बनाने पर कर रही है विचार

नई दिल्ली : भारतीय सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना अपने आरंभ से ही विवादों में रही है। अब इस योजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना इस योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों में से 75 प्रतिशत को स्थायी रूप से सेना में बनाए रखने पर विचार कर रही है। फिलहाल, केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थायी नौकरी मिलती है।

आर्मी कमांडर सम्मेलन में चर्चा की संभावना

राजस्थान के जैसलमेर में आज से शुरू हो रहे आर्मी कमांडर सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। यह खबर ऐसे समय आई है, जब पहली खेप के अग्निवीरों की चार साल की सेवा अगले साल पूरी होने वाली है। इसलिए यह तय करना जरूरी है कि कितने जवानों को स्थायी रूप से सेना में रखा जाए।

सम्मेलन में तीनों सेनाओं की एकजुटता बढ़ाने के उपाय और मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ की समीक्षा भी एजेंडा में शामिल हो सकती है। इसके अलावा, शिक्षा, उपकरणों की साझा व्यवस्था, लॉजिस्टिक्स, संयुक्त प्रशिक्षण और अधिकारियों की पोस्टिंग पर भी विचार किया जा सकता है।

मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ की समीक्षा

इस बैठक में मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ की प्रगति की भी समीक्षा होगी। इसमें अलग-अलग सेनाओं और विभागों के बीच बेहतर तालमेल, उपकरणों की मरम्मत और उपलब्धता, आपातकालीन खरीद, हथियार प्रणालियों के लिए गोला-बारूद भंडारण और परिचालन तैयारियों पर ध्यान दिया जाएगा।
साथ ही पूर्व सैनिकों के अनुभव और विशेषज्ञता का उपयोग करने के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।

अग्निपथ योजना क्या है?

  • लागू: जून 2022
  • आयु सीमा: 17.5 से 23 साल
  • अवधि: 4 साल
  • सेवा के बाद: वर्तमान में 25% को स्थायी, 75% को सेवा मुक्त किया जाता है
  • वेतन: नियमित भर्ती जवानों की तुलना में कम
  • पेंशन: अग्निवीरों को पेंशन नहीं मिलेगी

इस बदलाव से सेना में अग्निवीरों की स्थायित्व संभावना बढ़ सकती है और योजना की आलोचना पर भी असर पड़ सकता है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें