Sitapur : थानाध्यक्ष बने ‘मित्र पुलिस’, दीपावली पर बहन को दिया उपहार

Seuta, Sitapur : जहाँ एक ओर थानाध्यक्ष रेउसा हनुमंत लाल तिवारी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों के प्रति सख्त मिजाज रखते हैं, वहीं दूसरी ओर वह ‘मित्र पुलिस’ की अवधारणा को जमीन पर उतारने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं। उनकी यह नीति पुलिस और आम जनता के बीच की दूरी को कम करने और विश्वास की भावना जागृत करने में सफल रही है। दीपावली के पावन पर्व पर थानाध्यक्ष ने सामाजिक सौहार्द और अपनत्व का संदेश देते हुए कई गरीब परिवारों और अपनी मुंहबोली बहन के साथ खुशियाँ साझा कीं।

मुंहबोली बहन के घर पहुँचे थानाध्यक्ष, बाँटा प्यार
सामाजिक रिश्तों को मजबूत करते हुए थानाध्यक्ष हनुमंत लाल तिवारी सोमवार को अपने पुलिस स्टाफ के साथ अपनी मुंहबोली बहन रेनू मिश्रा के घर गोधनी सरैंयां पहुँचे। उन्होंने बहन और उनके परिवार के सदस्यों को सहर्ष दीपावली की शुभकामनाएँ दीं।

थानाध्यक्ष ने रेनू मिश्रा और उनके बच्चों को प्रेमपूर्वक वस्त्र, मिठाई और अन्य उपहार भेंट किए। रेनू मिश्रा और उनके परिवार ने भी पूरे सम्मान और प्रेम के साथ हनुमंत तिवारी का स्वागत किया और उनके मंगलमय भविष्य की कामनाएँ व्यक्त कीं।

जरूरतमंदों के बीच मनाई खुशियों की दिवाली
इसके साथ ही थानाध्यक्ष हनुमंत लाल तिवारी ने जीवन को जीवंत करते हुए क्षेत्र के कई गाँव जैसे चौंसा, सेउता, रेउसा, बसईया कोठार, राजापुर कलां में भी पहुँचकर जरूरतमंद परिवारों की दीपावली को दोगुना खुशहाल बना दिया।

उन्होंने गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ पर्व की खुशियाँ बाँटीं। उन्होंने बच्चों में नए कपड़े, मिठाई, फुलझड़ी और पटाखे वितरित किए। पुलिसकर्मियों के साथ दिवाली मनाकर बच्चों और उनके परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

जनता ने की सराहना, थानाध्यक्ष ने दिया सौहार्द का संदेश
क्षेत्रीय नागरिकों ने दीपावली के अवसर पर पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए इस मानवीय और पुण्यकारी कार्य की दिल खोलकर सराहना की है।

इस अवसर पर थानाध्यक्ष हनुमंत लाल तिवारी ने कहा कि समाज के जरूरतमंद लोगों के बीच त्यौहार मनाने से अपार खुशी और आत्मिक संतोष मिलता है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा

हम सभी को त्यौहारों के मौके पर गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के साथ मिलकर खुशियाँ साझा करनी चाहिए। दीपावली का त्यौहार खुशी का त्यौहार है। ऐसे मौके पर हम सभी को आपसी ईर्ष्या-द्वेष और भेदभाव को मिटाकर एक-दूसरे को गले लगाकर मेलमिलाप के साथ त्यौहार मनाना चाहिए। यही हमारी भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है।

उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से खुशी और प्यार बाँटने का आह्वान किया, जिससे आत्मसुख की प्राप्ति होती है। थानाध्यक्ष का यह कदम ‘मित्र पुलिस’ की छवि को और मजबूत कर रहा है।

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