दुर्गापुर गैंगरेप केस में नया मोड़ : दो आरोपितों को पुलिस ने दी राहत, रिमांड के बावजूद जेल भेजा, बनाएगी सरकारी गवाह

कोलकाता। दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार छह आरोपितों में से दो — शेख रियाजुद्दीन और सफीक शेख को बड़ी राहत दी है, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपितों को कोर्ट ने 22 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है, लेकिन सिर्फ इन दोनों को डिमांड पूरी होने से पहले ही पुलिस ने बिना किसी जमानत याचिका के स्वत: ही कोर्ट में पेश कर दिया। वह भी रविवार को अवकाशकालीन पीठ में। इसके बाद इन्हें जेल हिरासत में भेज दिया गया है।

सूत्रों का कहना है कि पुलिस इन दोनों को सरकारी गवाह (प्रॉसिक्यूशन विटनेस) बनाने की तैयारी कर रही है।

मामले में पहले अदालत ने सभी छह आरोपितों को पुलिस हिरासत में भेजा था और 22 अक्टूबर को दोबारा पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन दो आरोपितों को अचानक रविवार को अदालत में पेश किए जाने से पुलिस की मंशा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

बताया जा रहा है कि पुलिस इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने गोपनीय बयान (सीआरपीसी की धारा 164 के तहत) दर्ज कराने ले गई थी, लेकिन किसी कारणवश वह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

दुर्गापुर महकमा अदालत के एक वकील ने बताया कि संभवतः जांच में रियाजुद्दीन और सफीक के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। ऐसे में पुलिस उन्हें मुख्य आरोपित के खिलाफ गवाही देने के लिए सरकारी गवाह बना सकती है।

इस बीच, पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल उसे उसी मेडिकल कॉलेज परिसर में पुलिस सुरक्षा में रखा गया है।

गौरतलब है कि यह मामला 10 अक्टूबर की रात का है, जब द्वितीय वर्ष की छात्रा अपने सहपाठी के साथ कॉलेज के साउथ गेट से बाहर निकली थी। शुरुआती जांच में इसे गैंगरेप बताया गया था, लेकिन बाद में पीड़िता के बयान और जांच में स्पष्ट हुआ कि उसके साथ एक व्यक्ति ने ही दुष्कर्म किया था। मामले में उसके सहपाठी वासिफ अली को भी गिरफ्तार किया गया है जो इस मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

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