Moradabad : ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट के बिना नहीं मिलेगा मदरसे में प्रवेश, मदरसा प्रबंधन ने की चौंकानी वाली मांग…

Moradabad : पाकबड़ा थाना क्षेत्र में एक निजी मदरसे ने एक नाबालिग छात्रा के साथ ऐसी अमानवीय हरकत की है, जो समाज के हर वर्ग के लिए चिंता और आक्रोश का विषय बन गई है। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक 12 वर्षीय छात्रा के परिजनों ने मदरसा प्रबंधन पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि संस्थान ने छात्रा को कक्षाओं में प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया। वजह? एक ऐसी मांग जो न केवल नैतिक रूप से घिनौनी है, बल्कि कानूनी रूप से भी अपराध की श्रेणी में आती है—छात्रा का ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ जमा करने की शर्त।

यह घटना तब घटी जब चंडीगढ़ निवासी पीड़ित छात्रा के परिजन उसे मदरसे छोड़ने पहुंचे। मदरसा प्रबंधन ने न केवल प्रवेश से मना कर दिया, बल्कि परिजनों को परिसर से बाहर धकेलते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार और अभद्रता भी की। इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को गहरा मानसिक आघात पहुंचाया है, बल्कि पूरे समुदाय में मदरसा शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार ने तत्काल एसएसपी मुरादाबाद के समक्ष तहरीर सौंपकर प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

पीड़ित परिवार की आपबीती: आंसुओं और अपमान की कहानी

पीड़ित छात्रा, जिसका नाम गोपनीय रखा गया है (उम्र 12 वर्ष), चंडीगढ़ से मुरादाबाद में रहते अपने रिश्तेदारों के साथ इस मदरसे में कक्षा सातवीं की पढ़ाई कर रही थी। परिवार के अनुसार, छात्रा धार्मिक और आधुनिक शिक्षा का संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से इस संस्थान का चयन किया गया था। लेकिन हाल ही में जब परिजन छात्रा को सुबह की कक्षाओं के लिए मदरसे ले गए, तो प्रबंधन समिति के सदस्यों ने उन्हें चौंका देने वाला बयान दे दिया।

हमने सोचा था कि यह एक सामान्य दिन होगा, लेकिन मदरसे का एक शिक्षक आया और बोला कि बच्ची को अंदर आने से पहले उसका ‘वर्जिनिटी टेस्ट सर्टिफिकेट’ लाना होगा। यह सुनते ही हम स्तब्ध रह गए। हमने पूछा कि ऐसी क्या जरूरत है, तो उन्होंने कहा कि ‘यह हमारी नीति है, बिना इसके एंट्री नहीं’। जब हमने विरोध किया, तो वे हमें बाहर धकेलने लगे और गालियां देने लगे। मेरी बच्ची वहीं खड़ी रो रही थी,” पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने आंसू भरी आंखों से बताया।

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