
Palia Kalan, Lakhimpur : रेल चलाओ पलिया क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति द्वारा 6 अक्टूबर से पलिया रेलवे स्टेशन पर चल रहा क्रमिक धरना 13वें दिन शनिवार को दिवाली, छठ पूजा और गंगा स्नान जैसे त्योहारों को देखते हुए 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। तहसीलदार ने धरना स्थल पहुंचकर अनशनकारियों से ज्ञापन लिया और प्रशासन व रेल विभाग को स्थगन की सूचना भेजी गई।
संघर्ष समिति ने बताया कि शारदा नदी से होने वाली वार्षिक बाढ़ की मुख्य जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की है। विभाग की लापरवाही और बिना कारगर योजना के अरबों रुपये खर्च करने के बावजूद पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र की 19 ग्राम सभाएं पलिया, निघासन और आंशिक गोला इलाका हर साल जलमग्न हो जाता है। इससे लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि, जनजीवन, आवागमन और जनहानि तक प्रभावित होती है। संघर्ष समिति का आरोप है कि सिंचाई विभाग की “खाओ-कमाओ” नीति ने पिछले 25 वर्षों से पूरे इलाके को बाढ़ पीड़ित बना रखा है।
यही कारण है कि रेलवे ने भी भीरा–पलिया ट्रैक पर मेंटेनेंस के नाम पर अरबों रुपये खर्च किए, लेकिन नतीजा न मिलने पर मैलानी–नानपारा रेलखंड को हेरिटेज लाइन घोषित कर 29 जून से ट्रेन संचालन रोक दिया।
रेल चलाओ पलिया क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले क्षेत्र के लगभग 18 से अधिक सामाजिक संगठनों ने आंदोलन की शुरुआत की थी। अब त्योहारों को देखते हुए धरना 31 अक्टूबर तक रोका गया है और प्रथम सप्ताह नवंबर से पूर्ववत रूप में शुरू किया जाएगा। तहसीलदार पलिया और रेल विभाग को लिखित सूचना दे दी गई है।
शनिवार, 18 अक्टूबर की बैठक में संयोजक कमलेश राय के नेतृत्व में सुरेंद्र यादव, रईस अली, रामदयाल वर्मा, रवि प्रताप, रंजीत यादव, लल्लन प्रसाद गौड़, सियाराम यादव, चंद्रभूषण मिश्रा, ओमप्रकाश बौद्ध, कमरुद्दीन कादरी, जसवंत चौहान, रामकिशन, अर्जुन चौहान, राम प्रसाद मुन्ना, राजकपूर सहित समिति के सदस्य उपस्थित रहे। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष बलराम गुप्ता और नगर अध्यक्ष अजय दरोगा सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पहुंचकर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन को समर्थन दिया। उन्होंने समर्थन पत्र सौंपकर आंदोलनकारियों का उत्साह बढ़ाया। वहीं संघर्ष समिति की ओर से कामरेड आरती राय, लल्लन गौड़, रामकिशन और कमरुद्दीन कादरी समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे।