
- मंत्री जयवीर सिंह के निर्देश पर तैयार हुई फूड ट्रेल: भक्ति, स्वाद और अनुभव का संगम
- कचौरी से चाट तक… दीपोत्सव 2025 में अयोध्या के स्वाद का नया सफर
- श्रद्धालुओं के लिए सड़को पर लगने वाले यह फूड ट्रेल बने आकर्षण का केंद्र
Lucknow : अयोध्या दीपोत्सव 2025 इस बार सिर्फ दीपों की रोशनी और भक्ति का पर्व नहीं, बल्कि स्वाद का भी आनंद लेने का अवसर बन गया है। सरयू में पहला दीप प्रवाहित होने से पहले ही अयोध्या की गलियां सुबह-सुबह ताज़े पकवानों की खुशबू से महक उठती हैं। कहीं गरमागरम कचौरी-सब्जी की सुगंध फैली होती है, तो कहीं बेड़ई-आलू सब्जी की महक हवाओं में घुल जाती है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों को अपनी ओर खींचती है। इस बार पर्यटन विभाग ने शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए एक विशेष ‘फूड ट्रेल’ तैयार की है, जो उन्हें अयोध्या के पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय स्वादों के माध्यम से शहर की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती है। यह ट्रेल सिर्फ खाने का मार्ग नहीं, बल्कि एक अनुभव है। जिसमें श्रद्धालु गलियों में चलते हुए न सिर्फ स्वाद का आनंद लेते हैं, बल्कि दुकानदारों और स्थानीय लोगों से जुड़े छोटे-छोटे किस्सों और परंपराओं को भी जान पाते हैं। इस तरह दीपोत्सव अब केवल भक्ति और रोशनी का त्योहार नहीं रह गया, बल्कि यह श्रद्धा और स्वाद का संगम बनकर हर आगंतुक के अनुभव को और भी यादगार बना देता है।
सुबह की शुरुआत गरमा-गरम कचौरी से
सुबह छह से आठ बजे के बीच हनुमानगढ़ी, नया घाट और चौक इलाकों में गरमागरम कचौरी-सब्जी और बेड़ई-आलू सब्जी की खुशबू वातावरण में फैल जाती है। गलियों में हलचल और ताजी पकवानों की महक श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। चाय की प्याली के साथ इन व्यंजनों का आनंद लेना दिन की शुरुआत के लिए बिल्कुल सही होता है। गरमा-गरम कचौरी और बेड़ई के स्वाद में शहर की जीवंतता और सुबह की ताजगी दोनों झलकती हैं।
मिड-मॉर्निंग में चटपटी चाट का स्वाद
सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक राम जन्मभूमि और राम पथ के आसपास चाट ठेले सबसे ज्यादा भीड़ खींचते हैं। यहाँ आलू टिक्की, पापड़ी चाट, दही पूरी और मटर चाट पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। मंदिर दर्शन और घाटों की सैर के बीच यह छोटा-सा स्वादिष्ट ठहराव यात्रियों को न सिर्फ ताजगी देता है, बल्कि उन्हें शहर के असली स्वाद और स्थानीय जीवन की झलक भी दिखाता है।
दोपहर में सात्त्विक थाली, शाम को मिठाइयों की महक
दोपहर के वक्त छोटे-छोटे भोजनालयों में मिलने वाली सात्त्विक थालियाँ श्रद्धालुओं के बीच बेहद पसंद की जाती हैं। हल्का और पौष्टिक भोजन उन्हें शाम की लंबी सैर के लिए ऊर्जा देता है। वहीं जैसे-जैसे सूरज ढलता है, बाजारों और सरयू किनारे की गलियों में मिठाइयों और डेयरी उत्पादों की सुगंध फैलने लगती है। जलेबी, पेड़ा, रबड़ी और ताज़ी लस्सी जैसी चीज़ें इस समय हर किसी की पसंद बन जाती हैं, और शाम का यह मीठा ठहराव दीपोत्सव के रंगों को और भी जीवंत बना देता है।
कहानी और स्वाद दोनों का संगम
पर्यटन विभाग की पहल पर यह फूड ट्रेल केवल खाने तक सीमित नहीं रह गया है। यह यात्रियों को अयोध्या के जीवन और संस्कृति से जोड़ने का एक अनुभव भी है। स्थानीय लोग और दुकानदार अपने व्यंजनों के साथ जुड़ी कहानियाँ, छोटे किस्से और परंपराएँ साझा करते हैं। यही बातें दीपोत्सव की शामों को और भी यादगार और रंगीन बना देती हैं।
पर्यटन विभाग की पहल
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बी. पी. सिंह ने बताया, “पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के निर्देश पर दीपोत्सव के दौरान आगंतुकों के लिए विशेष फूड ट्रेल तैयार की गई है। इसका उद्देश्य है कि वे अयोध्या को उसकी संस्कृति, इतिहास और स्वाद- तीनों के माध्यम से महसूस कर सकें।” यह फूड ट्रेल दीपोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों, घाटों की रोशनी और आरती के समय के साथ इस तरह तालमेल में बनाई गई है कि पर्यटक बिना किसी भागदौड़ के भक्ति, स्वाद और अनुभव — तीनों का आनंद एक साथ ले सकें।