
लखीमपुर खीरी। जिले के मैगलगंज थाना क्षेत्र से गुरुवार शाम पुलिस की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया, जब एक बाल अपचारी पुलिस की गिरफ्त से चकमा देकर भाग निकला। मामला थाना खमरिया क्षेत्र से जुड़ा है, जहां के ग्राम बसडिया निवासी 17 वर्षीय सनी उर्फ आलोक को अदालत के आदेश पर बाल संरक्षण गृह हरदोई भेजा जा रहा था। किशोर पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज था और न्यायालय से रिमांड स्वीकृत कराकर उसे हरदोई ले जाया जा रहा था। इस कार्यवाही के लिए उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार, हेड कांस्टेबल गेंदन लाल पाल और कांस्टेबल गौरव कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
जानकारी के अनुसार, 16 अक्टूबर की शाम करीब छह बजे पुलिस टीम हरदोई जाने के रास्ते में टोल प्लाजा मैगलगंज पहुंची। जैसे ही वाहन टोल पर रुका और पुलिसकर्मी शुल्क अदा करने लगे, उसी वक्त किशोर ने मौका देखकर गाड़ी का दरवाजा खोला और भाग गया। यह सब कुछ कुछ ही पलों में हुआ, जिससे पुलिसकर्मी कुछ समझ ही नहीं पाए। आसपास के लोगों को भनक लगने से पहले ही बाल अपचारी टोल के पास बने खेतों की तरफ गायब हो गया।
सूचना मिलते ही उपनिरीक्षक राजपाल सिंह अन्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और टोल के आसपास के क्षेत्रों में तलाश शुरू की, लेकिन फरार किशोर का कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद उपनिरीक्षक राजपाल सिंह ने पूरी घटना की लिखित रिपोर्ट थाना प्रभारी मैगलगंज को सौंपी। रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि बाल अपचारी के फरार होने में पुलिस टीम की स्पष्ट लापरवाही रही। उन्होंने तीनों पुलिसकर्मियों उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार, हेड कांस्टेबल गेंदन लाल पाल और कांस्टेबल गौरव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की संस्तुति की।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए निरीक्षक रवींद्र कुमार पांडे को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फरार किशोर की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं और खमरिया, मैगलगंज व आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। विभागीय स्तर पर तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच भी शुरू कर दी गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना को बेहद गंभीर बताया है। एक अधिकारी ने कहा कि, “बाल अपचारी का पुलिस की निगरानी से भाग जाना बड़ी सुरक्षा चूक है। किसी भी कीमत पर लापरवाह कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। फरार आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।”
इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं स्थानीय स्तर पर इस लापरवाही को लेकर लोगों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रिमांड पर भेजे जा रहे आरोपी की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई।
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