फ्रांस में राजनीतिक संकट टला, अविश्वास प्रस्ताव खारिज…गिरने से बची एक बार फिर मैक्रों सरकार

नई दिल्ली। फ्रांस में राजनीतिक संकट फिलहाल टल गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के खिलाफ गुरुवार को लाए गए दो अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। इस फैसले से सरकार गिरने से बच गई, लेकिन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अभी राष्ट्रीय बजट को लेकर कठिन लड़ाई लड़नी है।

अविश्वास प्रस्ताव खारिज, मैक्रों सरकार बची
हालांकि तत्काल खतरा टल गया है, लेकिन मूल समस्या अब भी बरकरार है। यूरोज़ोन की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अभी भी एक विभाजित संसद में अल्पमत सरकार द्वारा संचालित हो रही है, जहां किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं है। इसके चलते हर बड़ा कानून अंतिम समय पर किए जाने वाले सौदों पर निर्भर करता है। अगली चुनौती व्यय योजना की होगी, जिसे साल के अंत से पहले पास करना अनिवार्य है।

विभाजित संसद में अल्पमत सरकार
गुरुवार को 577 सीटों वाली नेशनल असेंबली में कट्टर वामपंथी फ्रांस अनबोड पार्टी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। सरकार गिराने के लिए जरूरी 289 वोटों में से 18 वोट कम पड़ गए। इसके अलावा, अति-दक्षिणपंथी नेशनल रैली की ओर से लाया गया दूसरा प्रस्ताव भी खारिज हो गया।

यदि लेकोर्नू हार जाते, तो मैक्रों के सामने केवल अप्रिय विकल्प बचते—नए चुनाव कराना, एक और प्रधानमंत्री नियुक्त करना, या स्वयं इस्तीफा देना।

इस घटना से स्पष्ट होता है कि फ्रांस की सरकार अब भी अल्पमत में है और आगामी कानूनों और बजट को पारित करना कई दलों के बीच समझौते पर निर्भर रहेगा।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें