
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गरम है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सहित तमाम राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। इस बीच, सोशल मीडिया पर बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें कथित तौर पर एक खास राजनीतिक दल का समर्थन करते दिखाया गया है। हालांकि, अभिनेता ने इस वीडियो को पूरी तरह फर्जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए संपादित बताया है, साथ ही लोगों से ऐसी भ्रामक सामग्री को न फैलाने की अपील की है।
वायरल वीडियो ने मचाई खलबली
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वायरल हुए इस वीडियो में मनोज वाजपेयी को कथित रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और इसके नेता तेजस्वी यादव का समर्थन करते दिखाया गया। यह वीडियो एक पैरोडी अकाउंट द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया गया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में दावा किया गया कि मनोज वाजपेयी बिहार के आगामी चुनाव में राजद के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
हालांकि, इस वीडियो की सत्यता पर सवाल उठने के बाद मनोज वाजपेयी ने खुद सामने आकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि यह वीडियो पूरी तरह फर्जी है और इसे AI तकनीक और एडिटिंग के जरिए बनाया गया है। अभिनेता ने इसे प्राइम वीडियो के लिए उनके द्वारा किए गए एक विज्ञापन का संपादित और दुरुपयोग किया गया संस्करण बताया।
मनोज वाजपेयी का बयान: “मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा”
मनोज वाजपेयी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा, “मैं स्पष्ट रूप से और सार्वजनिक तौर पर यह कहना चाहता हूं कि मेरा किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध या निष्ठा नहीं है। हाल ही में वायरल हो रहा वीडियो पूरी तरह फर्जी है। यह प्राइम वीडियो के लिए मेरे द्वारा किए गए एक विज्ञापन का संपादित और गलत संस्करण है। मैं इसे साझा करने वाले सभी लोगों से अपील करता हूं कि ऐसी भ्रामक और विकृत सामग्री को फैलाना बंद करें। साथ ही, जनता से आग्रह है कि ऐसी सामग्री से न जुड़ें और न ही इसे प्रोत्साहित करें।”
उनका यह बयान उस पैरोडी अकाउंट द्वारा वीडियो पोस्ट किए जाने के कुछ ही घंटों बाद आया, जिसने तेजस्वी यादव के नाम का दुरुपयोग कर वीडियो को वायरल किया था। इस अकाउंट को बाद में X से हटा लिया गया, लेकिन तब तक वीडियो ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोर ली थी।
AI और डीपफेक का बढ़ता खतरा
यह घटना एक बार फिर डीपफेक और AI-जनरेटेड कंटेंट के दुरुपयोग की गंभीर समस्या को उजागर करती है। हाल के वर्षों में, खासकर चुनावी मौसम में, ऐसी तकनीकों का उपयोग कर फर्जी वीडियो और ऑडियो बनाकर सार्वजनिक हस्तियों को गलत तरीके से पेश करने की घटनाएं बढ़ी हैं। मनोज वाजपेयी जैसे मशहूर हस्ती का नाम इस तरह के फर्जीवाड़े में घसीटे जाने से न केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचता है, बल्कि जनता के बीच भ्रम और गलत सूचना फैलने का खतरा भी बढ़ता है।
बिहार में चुनावी माहौल और गलत सूचनाओं का प्रभाव
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी, जदयू, राजद, कांग्रेस और लोज पामतदाताओं को लुभाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और गलत सूचनाएं मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा कर सकती हैं। मनोज वाजपेयी जैसे लोकप्रिय अभिनेता, जो बिहार के चम्पारण जिले के मूल निवासी हैं, का नाम इस तरह के विवाद में आने से चुनावी माहौल पर भी असर पड़ सकता है। उनकी फिल्मों और सामाजिक मुद्दों पर उनकी बेबाक राय ने उन्हें जनता के बीच खास पहचान दी है, जिसका दुरुपयोग फर्जी वीडियो के जरिए किया गया।
जनता से अपील: भ्रामक सामग्री से रहें सावधान
मनोज वाजपेयी ने अपने बयान में जनता से सतर्क रहने और ऐसी फर्जी सामग्री को न फैलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गलत सूचनाएं न केवल व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में भ्रम और अविश्वास को भी बढ़ावा देती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि डीपफेक और AI-जनरेटेड कंटेंट के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधानों और जागरूकता अभियानों की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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