
MP : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हवाला मनी लूट प्रकरण में कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सिवनी एसडीओपी पूजा पांडे सहित 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें से पांच आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। इसमें सिवनी एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, कॉन्सटेबल योगेंद्र, नीरज और जगदीश शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराध मुक्त वातावरण बनाना और नागरिकों की सुरक्षा पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों का मुख्य दायित्व है। अपने कर्तव्यों से हटकर कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को राज्य सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि सिवनी प्रकरण में जो भी दोषी पाए गए हैं, उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी। प्रदेश में कानून सबके लिए बराबर है। कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। राज्य सरकार प्रदेश में सुशासन स्थापित करने सतत रूप से कार्य कर रही हैं, इस दिशा में किसी का हस्तक्षेप सहन नहीं होगा।
ये भी हैं आरोपित-
सिवनी मामले में आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण और 61(2) आपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किये गये 5 अधिकारी एवं कर्मचारियों के अलावा जिनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई, उनमें प्रधान आरक्षक माखन, प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला, प्रधान आरक्षक रविंद्र उईके, आरक्षक रितेश वर्मा, एसएएफ आरक्षक केदार और एसएएफ आरक्षक सुभाष सदाफल शामिल हैं।
आरोप है कि पुलिस वालों ने हवाला की रकम में गड़बड़ी (खुर्दबुर्द) की। पुलिस के मुताबिक एसडीओपी पूजा पांडेय को जानकारी मिली थी कि एक कार में करीब 3 करोड़ रुपये ले जाए जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ रात करीब डेढ़ बजे सीलादेही में नाका लगाया और कार को रोककर उसमें रखी रकम पुलिस की गाड़ियों में रख ली। इस कार्रवाई के खिलाफ कारोबारी सोहन परमार और उनके साथियों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। आरोपित पुलिसकर्मियों ने कारोबारियों से हवाला की रकम आपस में बांटने की बात कही थी। इसमें पुलिसकर्मी करीब 1.5 करोड़ रुपये अपने पास रखना चाहते थे यानी आधे पैसे पुलिस और आधे कारोबारी के बीच बांटने का सौदा हुआ। लेकिन बाद में कारोबारियों को कम रकम दी गई। इससे नाराज होकर वे फिर थाने पहुंचे। जब यह मामला मीडिया तक पहुंचा, तो पूरी घटना का पर्दाफाश हो गया। इस पूरे मामले में अब तक करीब ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा की जब्ती हो चुकी है। पुलिस बाकी रकम तलाश कर रह रही है।
सिवनी के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने बताया कि कार में एक करोड़ 45 लाख रुपये मिले थे। पुलिसकर्मियों ने जब्ती बनाने में विलंब किया। मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि गाड़ी में तीन करोड़ रुपये थे, मामले की जांच की जा रही है। आईजी ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।