Jhansi : न्याय की दौड़ में थम गई ज़िंदगी, जमीन विवाद से पीड़ित की मौत

Jhansi : प्रदेश सरकार जहां एक ओर भूमि विवादों के त्वरित निस्तारण के लिए जनसुनवाई, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और समाधान दिवस जैसे अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। पीड़ित वर्षों तक न्याय के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हैं, लेकिन जब तक कार्रवाई होती हैकई बार ज़िंदगियां ही खत्म हो जाती हैं। झांसी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें जमीन हड़पने के खिलाफ लगातार शिकायत कर रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि आरोपी माफिया डॉन के गुर्गों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

मामला प्रेमनगर क्षेत्र के राजीव नगर नगरा का बताया जा रहा है। मृतक की पत्नी श्रीमती मीरा, पत्नी छिनगाराम, ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायती पत्र देते हुए प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि उनके पति की मौत के लिए माफिया डॉन के गुर्गे जिम्मेदार हैं, जिन्होंने धमकी देकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

मीरा ने बताया कि उनके परिवार के पास सफा गांव और मथुरापुरा में करीब पांच एकड़ जमीन थी। जब उनके पुत्र को इलाज के लिए धन की आवश्यकता हुई, तो उन्होंने एक एकड़ जमीन गिरवी रखी थी। मगर जमीन रखने वालों ने धोखाधड़ी कर पूरी पांच एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया।

जब इस धोखाधड़ी की शिकायत उनके पुत्र ने की, तो माफिया डॉन के गुर्गों ने उसे धमकाया कि अपनी जमीन भूल जाओ, वरना जान से मार दिए जाओगे। मीरा का कहना है कि उनका पुत्र और पति पिछले एक साल से लगातार अधिकारियों के पास शिकायत कर रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बीते दिनों जब उनका पुत्र शिकायती पत्र देकर लौट रहा था, तभी रास्ते में विपक्षियों ने उसे रोककर फिर से धमकाया। उन्होंने कहा, मेरे संबंध माफियाओं से हैं, ज्यादा आवाज उठाई तो अंजाम बुरा होगा। इतना ही नहीं, आरोपियों ने अपने मोबाइल में माफिया डॉन के साथ ली गई तस्वीर दिखाकर दहशत फैलाने की कोशिश की।

इन धमकियों और उत्पीड़न से सदमे में आए मीरा के पति की घर लौटने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। परिवार का कहना है कि यह मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न और धमकी का नतीजा है।

पीड़िता मीरा और उनके परिजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय में दिए शिकायती पत्र में मांग की है कि माफिया के गुर्गों और जमीन कब्जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो।

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