
- प्रशासनिक व्यय के नाम पर बंदरबांट कर रहे सीएचसी, पीएचसी अधीक्षक
- सरकारी योजनाओं पर बट्टा लगा रही सीएमओ के चहेते लिपिकों की मनमानी
Banda : जहां एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ व स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम बृजेश पाठक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के साथ ही इसका सभी को समुचित लाभ पहुंचाने के प्रयास कर रहे हैं, वहीं स्थानीय स्तर पर चिकित्सा विभाग के अधिकारी व लिपिक मिलकर सरकारी धन का बंटरबांट कर रहे हैं और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं।
ताजा मामला जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रशासनिक व्यय के नाम पर हो रही घपलेबाजी का सामने आया है। समाजसेवी अधिवक्ता देवेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री समेत विभागीय मंत्री को शिकायती पत्र भेजकर बताया है कि सरकार द्वारा संचालित जननी सुरक्षा योजना में प्रशासनिक व्यय के नाम पर भारी घपलेबाजी की जा रही है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा है कि प्रशासनिक व्यय के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से अनुमोदित 19 लाख 85 हजार छह सौ रुपए के सापेक्ष लगभग डेढ़ गुना धनराशि 27 लाख 60 हजार 464 रुपए का खर्च दिखाया गया है।
अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के चहेते चिकित्साधीक्षक मनमाने ढंग से जननी सुरक्षा योजना की धनराशि का अपव्यय कर रहे हैं और अपनी जेबें भरने का काम कर रहे हैं। समाजसेवी अधिवक्ता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। कहा है कि सीएमओ के चहेते लिपिकों को मनमाना प्रभार सौंपा गया है और उन्हीं के माध्यम से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने टीकाकरण भंडारण में भी करीब दस करोड़ के घोटाले की बात कही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.बिजेंद्र सिंह ने आरोपों को निराधार बताया। कहा कि प्रशासनिक व्यय अकेले जननी सुरक्षा योजना के धन से नहीं बल्कि पूल के माध्यम से किया जाता है। जिसमें सीएचसी, पीएचसी आदि में होने वाले सभी प्रकार के प्रशासनिक व्यय सम्मिलित होते हैं। उन्होंने बताया कि जिस खर्च को लेकर आरोप लगाया गया है, उसका ऑडिट भी कराया जा चुका है।