
मेडागास्कर में जारी विरोध प्रदर्शनों ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया, जब सेना के कुछ जवानों ने युवा प्रदर्शनकारियों (जनरेशन-जेड आंदोलन) का साथ देते हुए राजधानी अंतानानारिवो के ऐतिहासिक ’13 मई चौक’ में उनके साथ प्रवेश किया। यह वही स्थल है जो देश के राजनीतिक इतिहास में कई बड़े आंदोलनों का केंद्र रहा है।
इन प्रदर्शनों की शुरुआत 25 सितंबर को पानी और बिजली की भारी किल्लत के विरोध में हुई थी, लेकिन अब यह आंदोलन राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना के खिलाफ व्यापक राजनीतिक चुनौती बन गया है। प्रदर्शनकारी अब राष्ट्रपति के इस्तीफे, संसद के ऊपरी सदन और निर्वाचन आयोग को भंग करने की मांग कर रहे हैं।
शनिवार को स्थिति तब गंभीर हो गई जब सेना की कैपसैट (CAPSAT) यूनिट ने सार्वजनिक रूप से राष्ट्रपति के आदेशों की अवहेलना करते हुए युवाओं के समर्थन का ऐलान किया। जिसने 2009 के सैन्य तख्तापलट में राजोएलिना को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सैनिकों को “जनता के साथ खड़े होने” की अपील करते देखा गया।
इस घटनाक्रम के बाद सेना प्रमुख जनरल जोसलीन राकोटोसोन ने टीवी संदेश जारी कर नागरिकों से शांति बनाए रखने और संवाद के माध्यम से स्थिति को सामान्य करने की अपील की। उन्होंने चर्च नेताओं से भी मध्यस्थता के लिए आगे आने को कहा।
इससे पहले, राष्ट्रपति राजोएलिना ने राजनीतिक असंतोष को शांत करने के प्रयास में अपने मंत्रिमंडल को भंग कर नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, लेकिन इससे भी हालात पर काबू नहीं पाया जा सका।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अब तक इन प्रदर्शनों में 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालांकि, सरकार इन आंकड़ों से असहमत है और राष्ट्रपति का कहना है कि मृतकों की संख्या 12 है।
मेडागास्कर के ‘13 मई चौक’ में फिर से जनता की भीड़ लौटना इस द्वीप राष्ट्र की राजनीति में एक बड़े परिवर्तन का संकेत माना जा रहा है।