
देर रात्रि हुए दूसरे धमाके में लेखपाल घायल
—-राहत व बचाव के दौरान मकान के मलबे से एक और शव बरामद
—मृतकों की संख्या छह हुई, घायल लेखपाल को बेहतर इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया
अयोध्या। नगर पंचायत भदरसा के वार्ड नम्बर पांच महाराणा प्रताप वार्ड पगला भारी में गुरुवार देर शाम हुए धमाके के बाद उसी स्थान पर देर रात्रि एक और धमाका हुआ, जिसमें हल्का लेखपाल आकाश सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, हालांकि, पुलिस के अधिकारी इस बात से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि लेखपाल डरवश स्वयं गिर गए थे। वहीं, ग्रामवासियों का कहना है कि दूसरा धमाका रात्रि 11 बजकर 10 मिनट पर हुआ, जिसके बाद वे लोग घटनास्थल पर जब जाने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। ग्रामीणों ने बताया कि दूसरे धमाके की आवाज भी काफ़ी तेज थी, बाद में पता चला कि इस घटना में घायल लेखपाल आकाश को अस्पताल भेज दिया गया है, जिन्हें बाद में बेहतर इलाज के लिए लखनऊ भेज दिया गया। वहीं, राहत व बचाव कार्य के दौरान शुक्रवार को मलबे से एक और शव बरामद किया गया, जिसे मृतक रामकुमार गुप्ता की साली बताया जा रहा है। 2024 में हुए धमाके में उसकी पत्नी की मौत के बाद वह उसके साथ ही रह रही थी। मौके पर अधिकारियों की टीम कैंप कर रही है। इस दौरान पत्रकारों को घटनास्थल से लगभग सौ मीटर की दूरी पर एक मोबाइल फोन भी मिला, जिसे क्षेत्राधिकारी आशुतोष तिवारी ने अपने कब्जे में ले लिया। इतनी बड़ी घटना का कारण प्रथमदृट्या सिलेंडर फटना बताया जा रहा है, जबकि घटना की भयावहता व स्थानीय लोगों के अनुसार पटाखों का निर्माण और अवैध भण्डारण ही हादसे की वजह बनी। घटना से कुछ दूरी पर पटाखा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कागज भी बिखरे पाए गए। उधर, शुक्रवार को पुलिस की देखरेख में सभी शव का पोस्टमार्टम कराया गया, इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस पर भी बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौजूद रहे।

पूर्व में भी रामकुमार का मकान धमाके में हो चुका है धराशाई
करीब डेढ़ वर्ष पूर्व 13 अप्रैल 2024 को मृतक रामकुमार गुप्ता का घर धमाके से जमींदोज हों गया था, जिसमें उसकी वृद्ध माँ शिवपती, उसकी पत्नी बिन्दू व वर्कशॉप चौराहा से आटा लेने पहुंची युवती प्रियंका की मौत हों गई थी, स्वयं रामकुमार, उसके बच्चे इशी, लव और यश गंभीर रूप से घायल हों गए थे। ग्रामीणों के अनुसार रामकुमार अवैध रूप से पटाखे बनाने और उसकी बिक्री का कार्य करता था, 2024 में हुई घटना के बाद गाँववासियों ने उक्त कारोबार के विरोध में जब उस पर दबाव बनाना शुरू किया तो उसने गांव से बाहर लिंक रोड पर नये घर का निर्माण करा लिया और अपना अवैध कारोबार फिर से शुरू कर दिया।
गले नहीं उतर रही पुलिस की थ्योरी
पुलिस भले ही घटना के लिए सिलेंडर फटने की बात कह रही हो पर घटनास्थल की विभीषिका को देख ग्रामीण व स्थानीय लोग इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि पुलिस व राहत कर्मियों को घटनास्थल से कई ऐसे पटाखा बम मिले हैं जिसे फॉरेनसिक टीम अपने साथ ले गई है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का भी कहना है कि अभी हादसे के कारणों को लेकर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में सही कारण सामने आएंगे। घटना स्थल पर मिले सिलेंडर व कुकर को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है पर बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जिस विस्फोट में मकान की छत सहित पूरा मकान धाराशाई हो गया, उसमें सिलेंडर व कुकर कैसे बच सकता था।
बच सकता था हादसा
स्थानीय लोगों के अनुसार गुरुवार शाम घटना से कुछ घंटे पहले पुलिसकर्मी उक्त मकान पर गए थे, और गृहस्वामी से कुछ बातचीत कर वापस लौट गए थे। लोगों का कहना है कि रामकुमार के अवैध कारोबार की सभी को जानकारी थी, यदि पुलिस ने पूर्व की घटना से सबक लिया होता तो इतना बड़ा हादसा न होता।
बीकापुर की घटना से भी पुलिस ने नहीं लिया सबक
गत दिनों बीकापुर नगर पंचायत के पटेल नगर वार्ड नंबर 11 में कोतवाली से मात्र 200 मीटर की दूरी पर इसी प्रकार के धमाके से एक मकान धाराशाई हो गया था जिसमें एक युवक की मौत और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने उस घटना को पहले जर्जर मकान के ढहने का परिणाम बताया गया लेकिन जब सवाल उठा तो छोटा सिलेंडर फटने की बात कही गई। गौरतलब है कि इस घटना में डॉक्टर ने घायलों के शरीर पर बर्न इंजरी पाई थी और मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर के भीतर से कोई मेटल पार्ट भी नहीं मिला था। अभी तक उस घटना की फॉरेनसिक जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई।