इधर भारत दौरे पर आए अफगान के विदेश मंत्री, उधर पाकिस्तान ने काबुल पर कर दी एयरस्ट्राइक, पढ़ें लाइस्ट अपडेट्स

काबुल । अफगान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं। इसी बीच पाकिस्तान ने मौका पाकर छिपकर काबुल पर हमला कर दिया। एक के बाद एक तेज धमाकों ने पूरे शहर को दहला दिया।
ये धमाके काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 और अब्दुलहक चौक के आसपास सुनाई दिए, जहां सरकारी कार्यालयों और आवासीय इलाकों की मौजूदगी है। शुरुआती रिपोर्ट्स में इसे पाकिस्तानी की ओर से की गई एयरस्ट्राइक का रूप बताया जा रहा है लेकिन किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है।

गुरुवार को रात करीब 12 बजे के आसपास काबुल के पूर्वी हिस्से में जोरदार विस्फोट हुए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि आसमान में विमानों की आवाजें सुनाई दीं और धमाकों के बाद गोलीबारी भी हुई। मीडिया के स्रोतों के अनुसार, ये हमले एक विशेष कंपाउंड को निशाना बनाने के लिए किए गए थे, जहां कथित तौर पर टीटीपी के नेता नूर वली महसूद के छिपे होने का शक था। महसूद पाकिस्तानी नागरिक था और उस पर पाकिस्तान में कई हमलों का आरोप है। ये घटना तब घटी जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत के ऐतिहासिक दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। तालिबान शासन के सत्ता संभालने के बाद 2021 से यह पहला उच्च स्तरीय दौरा है, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का संकेत दे रहा है। अब काबुल में हुए धमाके क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकते हैं।

अफगान-तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, काबुल शहर में एक विस्फोट की आवाज सुनी गई। हालांकि, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, सब ठीक है, घटना की जांच चल रही है, अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, ये धमाके तब हुए जब अफगान विदेश मंत्री भारत पहुंचे थे, जो संयोग मात्र नहीं लगता। वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को दावा किया था कि अफगान सरकार ने इस्लामाबाद से टीटीपी आतंकियों को सीमा से हटाने के लिए धन की मांग की थी। तालिबान को दी गई उनकी चेतावनी के कुछ ही घंटों बाद, हवाई हमलों की कई खबरें सामने आईं, हालांकि पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

घटना के ठीक एक दिन पहले, पाकिस्तान की संसद को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, बस, अब बहुत हो गया, हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है। ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि उन्होंने और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन साल पहले काबुल का दौरा किया था और शहर से सक्रिय आतंकवादियों को अपने ठिकाने बंद करने की चेतावनी दी थी, लेकिन उन्हें कोई ठोस गारंटी नहीं मिली। उन्होंने कहा, हमने अफगान अधिकारियों को बताया कि आपकी धरती पर 6,000-7,000 लोग बसे हुए हैं जो हमारे लिए खतरा हैं। उन्होंने आगे कहा कि काबुल ने उन लोगों को वहां रखने के लिए वित्तीय व्यवस्था का भी सुझाव दिया था। ख्वाजा आसिफ ने सभा को बताया, हमने गारंटी की मांग की थी कि ये लोग पाकिस्तान वापस नहीं लौटेंगे, लेकिन अफगान अधिकारी ये आश्वासन देने को तैयार नहीं थे।

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