
New Delhi : अभिनेता, निर्माता और बावेजा स्टूडियोज के प्रमुख हरमन बावेजा का कहना है कि उनकी हालिया एनिमेटेड फिल्म ‘महाअवतार नरसिंह’ की ऐतिहासिक सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब एनिमेशन आधारित कहानियों को पूरी तरह स्वीकार करने के लिए तैयार है। हरमन, जो हमेशा तकनीक और कहानी कहने के मेल के समर्थक रहे हैं, भारतीय सिनेमा में ऐनिमेशन को आगे बढ़ाने वाले शुरुआती फिल्ममेकर्स में गिने जाते हैं। उनकी फिल्म ‘चार साहिबज़ादे’ भारतीय बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी और देश की सबसे सफल ऐनिमेटेड फिल्मों में शुमार हुई थी।
‘महाअवतार नरसिंह’ ने रचा इतिहास
हरमन बावेजा के प्रोडक्शन में बनी ‘महाअवतार नरसिंह’ इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी एनिमेटेड पौराणिक फिल्म बन चुकी है। यह फिल्म न सिर्फ अपने शानदार विजुअल्स बल्कि भावनात्मक कहानी के लिए भी खूब सराही जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म ने दुनियाभर में 450 करोड़ से अधिक की कमाई कर नया रिकॉर्ड बनाया है। हरमन ने फिल्म की सफलता पर कहा, “मैं बेहद खुश हूं कि महाअवतार नरसिंह को इतना प्यार मिला। हमने ‘चार साहिबज़ादे’ तब बनाई थी जब ऐनिमेशन को मेनस्ट्रीम नहीं माना जाता था। आज दर्शकों का रिस्पॉन्स बताता है कि अब भारत इनोवेशन को गले लगाने के लिए तैयार है। ये भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक मोमेंट है।”
एनिमेशन अब भविष्य नहीं, वर्तमान है
हरमन बावेजा पहले भी विराट कोहली के साथ ‘सुपर वी’ जैसी लोकप्रिय ऐनिमेटेड सीरीज़ बना चुके हैं। उनका मानना है कि एनिमेशन केवल तकनीकी चमत्कार नहीं बल्कि कहानी कहने का नया अध्याय है। ‘एनिमेशन अब भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान है’ हरमन मुस्कुराते हुए कहते हैं। “ये हमें अपनी कहानियों, अपने देवताओं और अपने हीरोज़ को नए दृष्टिकोण से देखने की आज़ादी देता है। अगर दिल और मक़सद सही हो, तो इस मीडियम में अनंत संभावनाएं हैं।
नए प्रोजेक्ट्स पर फोकस
बावेजा स्टूडियोज वर्तमान में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिनमें ‘हक़’ यामी गौतम, इमरान हाशमी, ‘भागवत चैप्टर 1’ जीतेन्द्र कुमार, अरशद वारसी और ‘दिल का दरवाजा खोल न डार्लिंग’ सिद्धांत चतुर्वेदी, वामीका गब्बी शामिल हैं।
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