
- एक-एक लाख का अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास
Jhansi : अपर जिला सत्र न्यायधीश सुनील कुमार की अदालत ने बरुआ सागर में डेढ़ वर्ष पूर्व हुए चर्चित अपहरण-हत्याकांड के आरोपियों को दोषी ठहराया है। अदालत ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
एडीजीसी क्राइम तेज सिंह गौर ने बताया कि दिसंबर 2023 में बरुआ सागर के ग्राम उजयान निवासी अंशुल यादव अपनी बहन को बाइक से झांसी छोड़कर देर शाम घर लौट रहा था। जैसे ही अंशुल उजयान गांव के पास पीपा पुल पर पहुंचा, वहां पहले से खड़ी लाल रंग की आई 10 गाड़ी ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी। अंशुल घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा।
इसके बाद गाड़ी सवार तीन आरोपी सुनील यादव, नीलू और धर्मसिंह ने अंशुल को उठाकर चार पहिया गाड़ी में डालकर अपहरण कर लिया और उसकी बाइक को नदी में फेंक दिया। दो दिन बाद आरोपियों ने अंशुल की हत्या कर शव को बेतवा नदी में फेंक दिया। यह घटना पीपा पुल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
अंशुल के भाई प्रमोद यादव की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और एनडीआरएफ टीम के सहयोग से अंशुल की लाश बरामद कर ली। शव मिलने के बाद पुलिस ने अपहरण के मुकदमे को हत्या में बदलते हुए साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को जेल भेजते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
इस मामले की सुनवाई कर रहे अपर जिला सत्र न्यायधीश सुनील कुमार यादव की अदालत ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को पर्याप्त आधार मानते हुए तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया।
अदालत ने धारा 302 के तहत तीनों को आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा धारा 364 के तहत दस साल का कारावास और 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड, अदा न करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास और धारा 201 के तहत पांच साल का कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड, अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान लागू किया गया है।
यह भी पढ़े : Today Gold Rate : सर्राफा बाजार में रिकॉर्ड तोड़ तेजी जारी, नए शिखर पर सोना और चांदी