मर्द हूं नोटिस ठुकराता हूं… अल्लाह देगा अन्याय का जवाब, ओवैसी बोले- नाथूराम गोडसे ने खुद को मुसलमान बताने की कोशिश की थी ताकि…

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक जनसभा में केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। अपने भाषण में उन्होंने देश में हो रहे दलितों और किसानों पर हो रहे अत्याचारों, साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर गहरी नाराजगी जताई। ओवैसी ने कहा कि देश में राजनीति का विकृत दौर गांधीजी की हत्या से शुरू हुआ था और आज भी इसी तरह की सोच जनता को बांटने का काम कर रही है।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि “गांधीजी की हत्या के बाद नाथूराम गोडसे ने खुद को मुसलमान बताने की कोशिश की थी ताकि देश में सांप्रदायिक दंगे भड़क सकें।” उन्होंने कहा कि गोडसे ने नारायण आपटे, विष्णु करकरे और मदनलाल पाहवा के साथ मिलकर गांधीजी की हत्या की थी, और इन लोगों ने खुद को ‘वीर’ बताने का प्रयास किया।

किसानों और दलितों के मुद्दे पर भी ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। “आप सत्ता में आने से पहले कर्जमाफी का वादा करते थे, लेकिन अब जब किसान बर्बादी की कगार पर हैं, तो राहत देने से पीछे हट रहे हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने किसानों के लिए तुरंत कर्जमाफी और राहत पैकेज की मांग भी की।

उत्तर प्रदेश की सरकार पर भी उन्होंने टिप्पणी की। कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासन में दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक दलित जज पर जाति के आधार पर जूता फेंका गया, लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ओवैसी ने सवाल किया कि जब दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, तो संघ प्रमुख क्यों खामोश हैं?

केंद्र सरकार को मिली नोटिस पर भी ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे चुप कराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मैं मर्द हूं और इस नोटिस को मैं खारिज करता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि संसद में उन्होंने 35 मिनट तक सरकार के एक विवादास्पद कानून का विरोध किया था और कहा कि अगर महात्मा गांधी आज जीवित होते, तो भी वे भी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते।

ओवैसी ने अपने समर्थकों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “आपके साथ अन्याय हो रहा है, लेकिन झगड़ा या बहस मत करो। वे हमें बांटने की कोशिश कर रहे हैं, हमें एक रहना है।” उन्होंने कहा कि AIMIM देश की एकता और संविधान की रक्षा के लिए काम करती रहेगी। भाषण के दौरान उन्होंने दोहराया कि उनका संघर्ष किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “हम हिंदुस्तान में पैदा हुए हैं, इसी मिट्टी में मरेंगे, और हमारा देशप्रेम किसी से कम नहीं। यदि हम पर अन्याय हुआ, तो उसका जवाब हमारा अल्लाह देगा।”

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