दिल्ली पुलिस ने पंजाब में चलाया ऑपरेशन, किया 12 हजार के इनामी को गिरफ्तार

New Delhi : दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मध्य प्रदेश के गुना जिले के कुख्यात पारदी गिरोह के एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। पकड़ा गया आरोपी मोहन पारदी 40, निवासी बिलाखेड़ी, थाना धरनावदा (गुना) है। वह हत्या और डकैती सहित पाँच गंभीर मामलों में वांछित था और उस पर ₹12,000 का इनाम घोषित था। आरोपी 2024 से फरार चल रहा था।

अपराध शाखा की WR-II यूनिट को नेब सराय इलाके में हुई चोरी की वारदात की जांच के दौरान पारदी गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। डीसीपी हर्ष इंदौरा के निर्देशन में और एसीपी राजपाल डबास की देखरेख में इंस्पेक्टर गौतम मलिक, एसआई कुलदीप और प्रधान सिपाही रविंदर सिंह की टीम गठित की गई।

तकनीकी और मैनुअल खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस को पता चला कि आरोपी पंजाब के लुधियाना में छिपा है। इसके बाद 30 सितंबर को स्थानीय पुलिस की मदद से जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद उसे गुना पुलिस को सौंप दिया गया।

गाँव के सरपंच की हत्या का था आरोपी

पुलिस पूछताछ में मोहन पारदी ने बताया कि वह वर्ष 2024 में अपने साथियों के साथ गाँव के सरपंच की हत्या में शामिल था। वारदात के बाद वह राजस्थान और पंजाब में लगातार ठिकाने बदलता रहा ताकि गिरफ्तारी से बच सके।

इस तरह काम करता है पारदी गिरोह

पारदी गिरोह के सदस्य दो से पाँच परिवारों के समूह में घूमते हैं और किसी शहर या कस्बे के बाहरी इलाके में तिरपाल और कपड़े के तंबू लगाकर “डेरा” डालते हैं। दिन में ये लोग बच्चों के साथ खिलौने, गुब्बारे और पेंसिल बेचते हैं ताकि इलाके की जानकारी जुटा सकें। रात में ये हथियारों और गुलेलों से लैस होकर रिहायशी इलाकों में सेंधमारी करते हैं और विरोध मिलने पर हत्या या लूटपाट कर भाग जाते हैं।

पुलिस उपायुक्त का बयान

उपायुक्त (अपराध शाखा) हर्ष इंदौरा ने बताया

मोहन पारदी की गिरफ्तारी अंतरराज्यीय अपराध पर सटीक कार्रवाई है। अपराध शाखा की टीम ने सीमाओं से परे जाकर एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार कर न्याय सुनिश्चित किया है।

अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरफ्तारी पारदी गिरोह के खिलाफ पिछले दो वर्षों में पहली बड़ी कार्रवाई है। पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।

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