
- दिल छू लेने वाला फैसला: पति-पत्नी बंदी जेल के भीतर करेंगे पारंपरिक व्रत, बाहर वालों के लिए भी खास व्यवस्था
Sitapur : सीतापुर में जेल की कठोर दीवारों के भीतर भी मानवीय संवेदनाओं और पारिवारिक रिश्तों की गर्माहट बरकरार रहेगी। इस साल करवा चौथ के अवसर पर, जेल प्रशासन ने एक बेहद संवेदनशील और अनूठी पहल की है। जेल अधीक्षक सुरेश सिंह ने बताया कि जेल के अंदर बंद ऐसे 16 युगल बंदी (पति-पत्नी) जोड़े को पूर्ण रूप से पारंपरिक तरीके से करवा चौथ का त्योहार मनाने की अनुमति दी गई है।
यह फैसला इसलिए खास है क्योंकि यह बंदियों को उनके सबसे भावनात्मक और संस्कारों से जुड़े पर्व को मनाने का मौका देगा, जिससे उनके मनोबल को बल मिलेगा।
प्रशासन देगा ‘व्रत की थाली’ और ‘चाँद का दीदार’
जेल प्रशासन ने इन 16 युगल बंदियों के लिए पूरे त्योहार की जिम्मेदारी खुद उठाई है। उनके समस्त पूजन, विधि-विधान और सामग्री की व्यवस्था जेल प्रशासन द्वारा की जाएगी, ताकि वे बिल्कुल वैसे ही व्रत मना सकें जैसे वे घर पर मनाया करते थे। यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि कैद की सज़ा काट रहे इन पतियों और पत्नियों के बीच का प्रेम का बंधन अटूट रहे।
बाहर रहने वाले जीवनसाथी को भी राहत
जेल अधीक्षक ने बताया कि यह सुविधा केवल अंदर बंद युगल तक सीमित नहीं है। जिन पुरुषों की पत्नियाँ या जिन महिलाओं के पति जेल से बाहर हैं, वे भी करवा चौथ के दिन अपने जीवनसाथी से मिल सकेंगे। हालांकि, बाहर से आने वाले पति या पत्नी के लिए यह व्यवस्था केवल दिन में मुलाक़ात के दौरान ही मान्य होगी।
जेल प्रशासन का यह कदम साबित करता है कि सज़ा का उद्देश्य केवल सुधार होता है, न कि मानवीय रिश्तों को तोड़ना। इस भावनात्मक पहल ने जेल में बंद बंदियों और उनके परिवारों को एक बड़ी खुशी दी है।
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