
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि राहुल गांधी को बिहार में अपने झूठे प्रचार अभियान के लिए माफी मांगनी चाहिए। भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बिहार में घूम-घूमकर वोट चोरी के झूठे आरोप लगाए और उन्होंने विशेष पुर्ननिरीक्षण (एसआईआर) का विरोध किया था।
राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा था कि हमने तब भी कहा था कि राहुल गांधी एसआईआर का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे घुसपैठियों को संरक्षण देते हैं। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को बिहार चुनाव आयोग और वहां के अधिकारियों ने सूची सार्वजनिक की है।
ये सूची स्पष्ट करती है कि कांग्रेस और आरजेडी के एक भी कार्यकर्ता ने, एक भी बूथ लेवल एजेंट ने बिहार में फाइनल इलेक्टोरल लिस्ट पर एक भी अपील नहीं की है। इस जीरो अपील के आधार पर हम कह सकते हैं कि एसआईआर की पूरी प्रक्रिया में उन्हें कोई विरोधाभास नहीं दिखा है।
इससे यह भी स्पष्ट होता है कि जो मुद्दा राहुल गांधी ने बिहार चुनाव में बनाने का प्रयास किया था, वो जमीन पर कोई मुद्दा है ही नहीं। यह राहुल गांधी के झूठे प्रचार का पूरी तरह से पर्दाफ़ाश करता है। प्रदीप भंडारी ने कहा कि जो मुद्दा राहुल गांधी उठाते हैं, उसमें न राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को विश्वास होता है और न ही कांग्रेस की बिहार यूनिट को। बिहार के अंदर राहुल गांधी का ये प्रोपेगेंडा पूरी तरह झूठा साबित हुआ। राहुल गांधी को बिहार की जनता से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए।
26/11 आतंकी हमले के सवाल पर प्रदीप भंडारी ने कहा कि आतंकी हमले का जवाब देने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार थी लेकिन उन्हें रोका गया। पी. चिदंबरम को जवाब देना होगा कि यूपीए सरकार के अंदर वो कौन नेता था, जिसने 26/11 आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर हमारी सेना और वायुसेना को हमला करने से रोका था।
इसका जवाब सोनिया गांधी को भी देना चाहिए क्योंकि उस समय वो यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री से भी अधिक शक्तिशाली थी। कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय हितों से ऊपर राजनीतिक हितों को आगे रखा है।
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