अखिलेश दुबे के दरबारी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी की बर्खास्तगी तय, आका के लिए पुलिस आफिस से फंसाता था शिकार

  • पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाने पहुंचे रवि सतीजा को भेजा था दरबार में
  • अखिलेश दुबे की गिरफ्तारी के बाद भंडाफोड़ हुआ तो लापता हुआ आशीष
  • तमाम नोटिस के बावजूद सफाई देने को हाजिर नहीं हुआ मुखबिर इंस्पेक्टर
  • विभागीय जांच में अपराधियों से रिश्तों के पुख्ता सबूत मिलने के बाद गाज

भास्कर ब्यूरो
कानपुर। दरबार के लिए धन-कुबेर शिकार खोजने वाला शिकारी इंस्पेक्टर के जिस्म से खाकी वर्दी उतरना तय हो गया है। विभागीय जांच में कुख्यात अपराधियों और माफियाओं से रिश्तों के साक्ष्य हासिल होने के बाद दागी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी की बर्खास्तगी के लिए नोटिस जारी हुई है। पुलिस आफिस से फरियादियों को बरगलाकर साकेत दरबार में पहुंचाने वाले आशीष द्विवेदी की हरकत उजागर होने के बाद कई मर्तबा सफाई देने का मौका दिया गया, लेकिन गिरफ्तारी के खौफ से आशीष भूमिगत हो गया। अलबत्ता गाहे-बगाहे राजनेताओं की चौखट पर परिक्रमा करते नजर आया था, लेकिन अखिलेश दुबे से संलिप्तता की पुष्टि होने के नाते रसूखदारों ने पैरवी करने से इंकार कर दिया था।

पहले दीनू का चेला बना, फिर दरबारी
यूं तो कानूनी मशविरा के लिए खाकी वर्दी वाले तमाम चेहरे आए दिन साकेत दरबार में हाजिरी लगाते थे, लेकिन आशीष द्विवेदी दरबार के लिए शिकार फंसाने की जिम्मेदारी संभाले था। किसी वक्त नवाबगंज थाने में बतौर इंस्पेक्टर तैनात आशीष द्विवेदी ने दीनू उपाध्याय के लिए काफी नाजायज काम किये थे। इसके बाद वह दीनू के जरिए अखिलेश दुबे का शागिर्द बना तो पीड़ितों की हैसियत देखकर साकेत दरबार में हाजिर होने के लिए मजबूर करने लगा था। तमाम शिकायतों के बाद आशीष से थानेदारी छीनकर पुलिस कमिश्नर का पीआरओ बनाया गया तो उसकी लॉटरी खुल गई। जन-सुनवाई में गुहार लेकर पहुंचने वाले पीड़ितों को आशीष ही पुलिस कमिश्नर के सामने शिकायती-पत्र के साथ हाजिर करता था। ऐसे में आशीष ने अखिलेश दुबे के लिए शिकार खोजना शुरू कर दिया। शिकायती-पत्र के जरिए समस्या की गंभीरता को देखने के बाद वह पीड़ित से संवाद के जरिए हैसियत आंकता था। पीड़ित यदि मालदार हुआ तो आशीष एडी-चोटी का जोर लगाकर उसे पुलिस कमिश्नर के सामने पेश होने के बजाय साकेत दरबार में हाजिर कराता था।

रवि सतीजा के जरिए आशीष का भंडाफोड़
विष-कन्या के जरिए साकेत दरबार ने होटल कारोबारी और भाजपा नेता रवि सतीजा को दुष्कर्म और पॉस्को के फर्जी मामले में फंसाया तो इंसाफ की लड़ाई में सनसनीखेज खुलासा हुआ कि, फर्जी आरोपों में एफआईआर दर्ज होने के बाद रवि सतीजा पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के सामने सफाई देने हाजिर हुए तो आशीष द्विवेदी ने बरगलाकर साकेत दरबार में अखिलेश दुबे के सामने हाजिर कराया था। आरोप है कि इसके बाद अखिलेश दुबे ने मामला रफा-दफा करने के एवज में रवि से उगाही के प्रयास शुरू कर दिये थे। रवि सतीजा ने अखिलेश दुबे की गिरफ्तारी के बाद आशीष की कारस्तानी सुनाई तो वह नौकरी छोड़कर लापता हो गया। अलबत्ता एफआईआर में इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी का नाम नहीं था, लेकिन उसे यकीन था कि हाजिर हुआ तो जेल जाना तय़ है।

नोटिसों की बेअदबी के बाद बर्खास्तगी का फैसला
रवि सतीजा के खुलासे और आशीष द्विवेदी की फरारी के बाद विभागीय जांच हुई तो दीनू उपाध्याय, राम खिलावन और अखिलेश दुबे के साथ-साथ तमाम माफियाओं के साथ आशीष द्विवेदी के रिश्ते खुलते चले गए। हरकतों का पुलिंदा तैयार होने के बाद पुलिस ने सफाई देने के लिए तमाम नोटिस भेजे, लेकिन आशीष भूमिगत ही रहा। इसी दरमियान, स्थानीय आवास के साथ कन्नौज स्थित पैतृक आशियाने पर भी पुलिस टीम गई, लेकिन दरबारी इंस्पेक्टर लापता ही मिला। फरारी के दरमिय़ान, कुछेक प्रशासनिक अफसरों के साथ नेताओं की चौखट पर आशीष नजर आया था। मायावती सरकार में ओहदेदार राजनेता के साथ आशीष द्वेवेदी एक मर्तबा बड़े प्रशासनिक अधिकारी के कैंप कार्यालय में दिखा था। अलबत्ता संगीन आरोपों के कारण सभी ने आशीष की मदद करने से स्पष्ट इंकार कर दिया था। लगातार ड्यूटी के गैर-हाजिर और अपराधियों-माफियाओं से रिश्तों की पुष्टि के बाद आखिरकार आशीष द्विवेदी की बर्खास्तगी के लिए नोटिस जारी हो गई है। जल्द ही उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

एसीपी पर कार्रवाई के लिए पुलिंदा भेजा
साकेत दरबार के इशारे पर काम करने के आरोपों में घिरे तीन एसीपी पर कार्रवाई के लिए तमाम साक्ष्यों के साथ फाइल का पुलिंदा राजधानी में डीजीपी आफिस के साथ-साथ मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक, मैनपुरी में तैनात क्षेत्राधिकारी की करीब सौ करोड़ की संपत्ति की सूची भी सबूतों के साथ डीजीपी और शासन को भेजी गई है। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक, तमाम नोटिस के बावजूद मैनपुरी, हरदोई और लखनऊ में तैनात क्षेत्राधिकारी अपनी सफाई के लिए एसआईटी के सामने हाजिर नहीं हुए तो मामला शासन के पास भेज दिया गया है।

कोटस ….
विभागीय जांच में आशीष द्विवेदी का अपराधी और माफियाओं से गठजोड़ साबित होने के बाद बर्खास्तगी की नोटिस जारी हुई है। जल्द ही उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

वी.के.सिंह, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर

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