Jhansi : अधिवक्ताओं का गुस्सा, सीजेआई पर जूता उछालने वाले की गिरफ्तारी की माँग

Jhansi : देश की न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली हालिया घटना सीजेआई के सामने जूता उछालने ने अधिवक्ता समाज में गहरा रोष पैदा कर दिया है। झाँसी में बुधवार को वकीलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए इस कृत्य को राष्ट्रविरोधी मानसिकता का परिचायक बताया और आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।

बुधवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ, भारत के तत्वावधान में अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व राष्ट्रीय सह-संयोजक अधिवक्ता संतोष दोहरे ने किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका देश का सबसे पवित्र संस्थान है और इसके सर्वोच्च पद, यानी मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के प्रति ऐसा अपमानजनक व्यवहार असहनीय है।

संतोष दोहरे ने इस घटना की तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या से करते हुए कहा, “सीजेआई के सामने जूता उछालना, महात्मा गांधी को गोली मारने जैसा जघन्य अपराध है। यह सिर्फ व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था पर हमला है।

उन्होंने माँग की कि इस शर्मनाक कृत्य को अंजाम देने वाले अधिवक्ता को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उसका बार काउंसिल लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने का दुस्साहस न कर सके।

सोशल मीडिया पर भी बैन की माँग अधिवक्ता संघ ने कहा कि इस तरह की मानसिकता फैलाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब चैनलों को भी बंद किया जाए, जो न्यायपालिका, संविधान या न्यायाधीशों के खिलाफ नफरत और असम्मान फैलाने का कार्य कर रहे हैं। उनका कहना था कि इन प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ वीडियो और झूठे दावे प्रसारित कर समाज में गलत संदेश दिया जा रहा है।

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