यूपी के 75 जिलों में आज से 18 अक्तूबर तक आयोजित होंगे स्वदेशी मेले, दिवाली पूर्व वोकल फॉर लोकल उत्सव

  • स्वदेशी मेले से गांवों में बढ़ेगी खुशहाली, प्रत्येक कारीगर को मिलेगा मंच: मंत्री राकेश सचान

Lucknow : उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) 2025 की ऐतिहासिक सफलता को देखते हुए अब प्रदेश सरकार 9 से 18 अक्तूबर 2025 तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में “स्वदेशी मेलों” का आयोजन करने जा रही है। यह आयोजन आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम सिद्ध होगा।

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने बुधवार को मीडिया को बताया कि 25 से 29 सितम्बर तक ग्रेटर नोएडा एक्सपो मार्ट में हुए यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण में ब्रांड उत्तर प्रदेश को अभूतपूर्व सफलता मिली। इस आयोजन में प्रदेश की शक्ति, समृद्ध परंपरा और उत्पादन क्षमता को दुनिया के सामने रखा गया। 2200 से अधिक स्टॉलों में सरकारी विभागों, उद्यमियों, हस्तशिल्पियों, निर्यातकों और कारीगरों ने अपने अभिनव उत्पादों और योजनाओं को प्रस्तुत किया। इस दौरान 80 से अधिक देशों से 500 से अधिक विदेशी खरीदारों ने उत्तर प्रदेश के उद्योगों में रुचि दिखाई। लगभग पांच लाख से अधिक आगंतुकों ने मेले का भ्रमण किया और लगभग 11,200 करोड़ रुपये की व्यावसायिक पूछताछ प्राप्त हुई, जो प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं का प्रमाण है।
श्री सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश ट्रेड शो की इस सफलता ने पूरे प्रदेश के उद्योग जगत में नई ऊर्जा का संचार किया है।

इसी को जन-जन तक पहुंचाने तथा वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधारों के बाद स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह प्रदेशव्यापी “स्वदेशी मेला” आयोजित किया जा रहा है। इन मेलों में स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों और ग्रामीण उद्योगों को अपनी कला और उत्पाद प्रदर्शित करने का मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में सजने वाले ये मेले दिवाली के पूर्व “वोकल फॉर लोकल” अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देंगे, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नई दिशा मिलेगी।

मंत्री ने बताया कि मेलों में उद्योग विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, माटी कला बोर्ड, हथकरघा और वस्त्रोद्योग, रेशम विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, सीएम युवा, ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़े विभाग और संस्थान अपने उत्पादों तथा योजनाओं का प्रदर्शन करेंगे। वहीं स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों की बिक्री करेंगी। संस्कृति विभाग के सहयोग से उत्तर प्रदेश की कला, लोक संस्कृति और पारंपरिक संगीत व नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। युवक मंगल दल, नेहरू युवा केंद्र और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में स्वदेशी मेले का उद्घाटन संबंधित प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक और जिला प्रमुखों की मौजूदगी में किया जाएगा।

जिला प्रशासन और एमएसएमई विभाग के सहयोग से इन आयोजनों को स्थानीय स्तर पर भव्य स्वरूप देने की तैयारी की गई है। प्रदेश सरकार का उद्देश्य केवल उत्पादों की प्रदर्शनी तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे कारीगरों और उद्यमियों को आर्थिक सहयोग एवं बाजार से सीधा जुड़ाव दिलाना है। इसी उद्देश्य से छोटे उद्यमियों को नि:शुल्क स्टॉल देने की व्यवस्था की गई है ताकि वे अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकें।

श्री सचान ने कहा कि दिवाली के अवसर पर जब लोग खरीदारी करते हैं तो यदि वे अपने ही प्रदेश के हस्तशिल्प, मिट्टी के दीये, कपड़े, खादी उत्पाद, हस्तनिर्मित सजावटी सामग्री और पारंपरिक वस्त्र खरीदेंगे, तो इससे प्रदेश के गांवों और कारीगरों की खुशहाली बढ़ेगी।

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