महराजगंज : देवदह में बाउंड्री वाल की खुदाई के दौरान मिले कुषाण कालीन मुद्राएँ

कोल्हुई, महराजगंज। कोल्हुई थाना क्षेत्र के नौतनवा तहसील अंतर्गत बनरसिहा कला गाँव के देवदह में बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए खुदाई के दौरान मजदूरों को एक टूटे घड़े में पीले धातु के सिक्के मिलने की खबर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा यह सिक्के कुषाणकालीन के हैं। पुरातत्व विभाग द्वारा उन सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर जाँच के लिए भेज दिया गया है।

कोल्हुई थाना क्षेत्र एवं तहसील नौतनवा अंतर्गत बनरसिंहा कला में स्थित देवदह को पुरातत्व विभाग ने 88.8 एकड़ जमीन संरक्षित कर लिया है। जिसे महात्मा बुद्ध का निहाल होने की बात कही जाती है।उस की बाउंड्रीवाल के लिए खुदाई का कार्य चल रहा था। जिस में मिट्टी के बर्तन, स्तूप, खिलौने, सिक्के समेत कई चीजें मिली है।

ग्रामीणों के अनुसार खुदाई के दौरान कुदाल से कोई चीज टकराई जब मजदूरों ने इसे निकाला तो टूटे घड़े में पीले धातु के सिक्के थे। तत्काल यहाँ के जिम्मेदारों ने अधिकारियों को सूचना दिया। जिसके बाद पुरातत्व विभाग ने इसे कब्जे मे लेकर जाँच के लिए भेज दिया। हालांकि सिक्कों का वजन 36 किलो 400 ग्राम चर्चा में है।

परंतु इस संबंध में प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी गोरखपुर कृष्ण मोहन दूबे ने दूरभाष पर बताया कि मजदूरों को खुदाई में टूटे मटके से ताम्र धातु के सिक्के मिले थे। सिक्के कुषाण कालीन लग रहे हैं। सिक्के आपस में चिपके हुए थे। जिन पर जंग जैसी लेयर लग गई है।इस लिए उन सिक्कों का वजन सही तौर से तय नहीं हो पा रहा है। क्योंकि लेयर जैसी परत जम जाने से सिक्कों का असली वजन लेबोरेट्री जाँच के बाद ही संभव हो पाएगा। उन सिक्कों को जाँच के लिए लखनऊ पुरातत्व विभाग को भेज दिया गया है।

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