
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां अब चरम पर हैं। महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर के बीच एक नया ट्विस्ट आ गया है – भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की राजनीतिक एंट्री! क्या यह पवन सिंह की मुश्किलें बढ़ाने वाली ‘इमोशनल बम’ है, या बिहार की सियासत में एक नया अध्याय?
बिहार चुनाव की तारीखे घोषित हो गई हैं, 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे। 14 नवम्वर को काउंटिंग होगी। सबसे पहले हम बात करेंगे 2024 के लोकसभा चुनाव की जहां भोजपुरी इंडस्ट्री के ‘पावर स्टार’ पवन सिंह रोहतास के काराकाट सीट से निर्दलीय लड़े थे। जहां उन्होंने जबरदस्त प्रचार किया था, और उन्होंने 2.78 लाख वोट हासिल किए, लेकिन हार गए। फिर क्या? पवन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। वहीं हाल ही में
केंद्रीय मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात की तस्वीरे भी वायरल हुई हैं … जो साफ बता रही है कि बीजेपी उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारने की प्लानिंग कर रही है। संभावित सीट? काराकाट या आसपास की कोई अन्य। आपको बता दें कि पवन सिंह का स्टारडम बिहार के युवाओं में खूब लोकप्रिय है, लेकिन अब यहीं पर आ गया है वो ट्विस्ट!

और वो ट्विस्ट हैं – उनकी पत्नी ज्योति सिंह! दरअसल जनवरी 2025 से ही ज्योति ने साफ-साफ ऐलान कर दिया कि वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। फरवरी में उन्होंने कहा, “अगर पार्टी टिकट देगी तो ठीक, वरना निर्दलीय लड़ूंगी। बता दें कि उन्होंने मार्च में होली के मौके पर खुलासा किया था… वहीं ज्योति ने जनसंपर्क अभियान चला रखा है, लोगों से मिल रही है, और कह रही हैं कि क्षेत्र की जनता तय करेगी। लेकिन सवाल ये है – क्या ये सिर्फ राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, या पारिवारिक कलह का नतीजा? वहीं आपको बता दें कि लोकसभा हार के बाद से पवन-ज्योति के रिश्तों में खटास की खबरें तो आ रही हैं ही। ज्योति ने सोशल मीडिया पर पवन की फोटो के साथ प्रयागराज में डुबकी लगाई, लेकिन ये ‘इमोशनल बम’ बीजेपी को क्यों परेशान कर रहा है?
बता दें कि पवन सिंह की बीजेपी एंट्री से जहां एक तरफ एनडीए को भोजपुरी फैनबेस का फायदा मिल सकता था, वहीं ज्योति की एंट्री ने सब उलट-पुलट कर दिया। सूत्रो के मुताबिक, ज्योति के लगातार वीडियो और बयानबाजी
बीजेपी के लिए संकट बन सकते हैं। अगर ज्योति निर्दलीय लड़ती हैं या किसी और पार्टी से, तो वोट स्प्लिट हो जाएगा। काराकाट जैसे इलाके में जहां पवन का स्टार पावर काम आता, वहां ज्योति का काउंटर अटैक पवन की राह मुश्किल कर देगा। आपको बता दें कि ज्योति सिंह ने साफ कहा है कि …- “क्षेत्र की जनता आदेश देगी, वहीं से लड़ूंगी।” ये पारिवारिक रंजिश है या सियासी स्ट्रैटेजी? वहीं ज्योति ने पार्टी जॉइन करने का ऐलान किया था, लेकिन अब चुप्पी।

अब सवाल ये है कि इसका कुल मिलाकर चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? सबसे बड़ा – वोट डिवीजन! काराकाट संसदीय क्षेत्र में पवन के 2.78 लाख वोट अगर दो हिस्सों में बंटे, तो बीजेपी का नुकसान। एनडीए को लग रहा है कि ऐसी स्थिति में उन्हें प्लान बी की जरुरत पड़ सकती है
अगर ज्योति बीजेपी से ही लड़ें, तो फैमिली पावर बढ़ेगा, लेकिन अगर विपक्ष से या इंडिपेंडेंट, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्योति ने होली पर काराकाट सीट कन्फर्म की, जो पवन की संभावित सीट ही है। बिहार की सियासत में स्टार पावर हमेशा काम आता है, लेकिन फैमिली ड्रामा? ये तो ग्लोबल हिट फिल्म जैसा बन गया! महागठबंधन को इससे फायदा हो सकता है, जहां वोट कंसोलिडेट हो जाएं। कुल मिलाकर, ये ट्विस्ट बिहार चुनाव को और रोमांचक बना देगा।
पवन सिंह पर चुनावी संकट…इमेज टूटने से वोट बैंक पर चोट
पवन सिंह भोजपुरी इंडस्ट्री के ‘पावर स्टार’ हैं, जिनका युवा और ग्रामीण फैनबेस बिहार के बता दें कि ज्योति सिंह ने हाल ही में रविवार को वायरल हुए वीडियों में रोते – बिलखते हुए पवन सिंह पर
घरेलू हिंसा जैसे आरोप लगाए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। बीजेपी ने पवन को “प्लान B” बनाया था – दक्षिण बिहार में 3-4% वोट बढ़ाने के लिए। लेकिन अब ज्योति सिंह के आरोपो को देखते हुए ” मुख्य खतरे दिखाई दे रहे हैं जो बिहार चुनाव में बीजेपी के लिए खतरे पैदा कर सकते हैं वो हैं –
- महिला वोटरों का नुकसान
- वोट बंटवारा और सीट हार
क्या होगा आगे?
ये विवाद बिहार चुनाव को “फैमिली vs फैमिली” का रंग दे रहा है। पवन ने कहा, “जनता जनार्दन है,” लेकिन X पर बहस तेज है – कुछ ज्योति को सपोर्ट कर रहे, कुछ इसे “चुनावी स्टंट” बता रहे। लेकिन अगर ये ड्रामा बढ़ा, तो रोहतास-भोजपुर बेल्ट में एनडीए का खेल बिगड़ सकता है।
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