Bihar Election : एनडीए में सीटों के बंटवारे पर संकट! बीजेपी चिराग को 25 और जितन राम मांझी को 7 सीटें दे रही

Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर आज भाजपा की बैठक हो रही है। इस बैठक में लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और विनोद तावड़े मौजूद हैं। आज ये फाइनल हो जाएगा कि एनडीए में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।

दरअसल, बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की सरकार की पकड़ को कमजोर कर दिया था। इस बार भी सीटें बढ़ाने की चाहत में चिराग फड़फड़ा रहे हैं, लेकिन भाजपा के मौजूदा ऑफर से वह संतुष्ट नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने जो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया है, उसके अनुसार, चिराग पासवान को 25 सीटें और जितन राम मांझी को 7 सीटें ऑफर कर रही है।

ऐसे में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस सियासी खेल में अपना कदम रखा। अपनी शैली में उन्होंने संदेश पहुंचाया है, जिससे भभक रहे चिराग की लौ कुछ शांत हुई है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ सीटों का बंटवारा बिहार चुनाव में सबसे जटिल मामला साबित होने जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि शाह की सख्त एंट्री के बाद चिराग से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की बातचीत भी हुई है। वहीं, लोजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता धीरेंद्र मुन्ना ने अमर उजाला से कहा कि अभी तक सीटों के बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। जब सवाल किया गया कि क्या चिराग का फोन नहीं लग रहा है, तो मुन्ना ने कहा, “फोन आउट ऑफ रीच हो सकता है, लेकिन मेरे नेता रिच में हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी सम्मानजनक हिस्सेदारी लेगी।

चिराग पासवान की मांग करीब 40 सीटों की है, जिनमें से प्रमुख हैं गोविंदगंज, ब्रह्मपुर, अतरी, महुआ और सिमरी बख्तियारपुर। इनमें से तीन सीटें जदयू भी दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी दबाव के चलते पार्टी ने यह भी एलान किया है कि वह 243 सीटों पर तैयारी कर रही है।

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने गठबंधन से बाहर रहकर नीतीश कुमार का खेल बिगाड़ दिया था। इसीलिए शाह ने दिल्ली में बिहार कोर कमेटी की बैठक में स्पष्ट किया कि 2020 जैसी गलती दोहराई नहीं जाएगी। उस समय लोजपा ने अलग राह चुनी थी, जिससे कई राजग उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा था। इस बार भाजपा का प्रयास है कि चिराग को मनाकर राजग की एकता बनी रहे, क्योंकि उनकी पकड़ दलित-युवा वोट बैंक में भाजपा के लिए काफी अहम है।

चिराग पासवान जितनी सीटों पर लड़ने की बात कर रहे हैं, पार्टी उसे अतार्किक मान रही है। भाजपा का भरोसा है कि स्थिति बेहतर हो जाएगी। पटना की सड़कों पर उनके ‘अगला मुख्यमंत्री-चिराग पासवान’ वाले पोस्टर लगाए जा चुके हैं। वहीं, जदयू भी बड़े भाई की भूमिका में आ रहा है, और दोनों दल 101-102 सीटों पर समझौता करने की दिशा में हैं।

लेकिन, चिराग के साथ-साथ जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे दलों की भी मांगें बड़ी हैं। सबसे कठिन बंटवारा अभी लोजपा (रामविलास) के साथ ही साबित हो रहा है। हालांकि, अमित शाह के संदेश के बाद माना जा रहा है कि चिराग मान जाएंगे, लेकिन समाधान निकलने में अभी भी वक्त लगेगा।

भाजपा का सीट फॉर्मूला

भाजपा का फॉर्मूला है कि चिराग को 25 सीटें दी जाएं और जीतन मांझी को 7 सीटें दी जाएं, ताकि सभी दल संतुष्ट हों और राजग की एकता बनी रहे।

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