
केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने की परत को लेकर मचा विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है। दरअसल, मंदिर की द्वारपालक मूर्तियों पर चढ़ी सोने की परत में गड़बड़ी और चोरी के आरोप सामने आए हैं। इस पर केरल उच्च न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाते हुए एडीजीपी एच. वेंकटेश की अगुवाई में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित की है, जो छह सप्ताह में रिपोर्ट देगी।
मामला तब सामने आया जब 2019 में मरम्मत के बाद लौटाए गए पैनलों के वजन में करीब 4.5 किलो सोने की कमी पाई गई। आरोप है कि त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने इन्हें मरम्मत के नाम पर प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा था। बाद में पोट्टी ने बचा हुआ सोना अपनी बहन की शादी में इस्तेमाल करने की अनुमति तक मांगी थी।
विपक्षी यूडीएफ ने इस पूरे प्रकरण में देवस्वम मंत्री वी.एन. वासवन के इस्तीफे की मांग करते हुए विधानसभा की कार्यवाही ठप कर दी। विपक्ष का कहना है कि जब तक मंत्री जवाब नहीं देंगे, सदन नहीं चलने दिया जाएगा।
वहीं, देवस्वम बोर्ड का दावा है कि सोने की कोई चोरी नहीं हुई है। उनका कहना है कि सभी 14 स्वर्ण-प्लेटेड पैनल वापस लाए गए हैं और कुल सोने की मात्रा पहले से अधिक (407 ग्राम) पाई गई है। बोर्ड ने इस विवाद को भ्रामक बताते हुए कहा कि यह मंदिर की छवि खराब करने की कोशिश है।
संक्षेप में:
- सबरीमाला मंदिर की मूर्तियों से जुड़े स्वर्ण पैनल में गड़बड़ी का आरोप
- कोर्ट ने SIT जांच के आदेश दिए
- विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे की मांग पर विधानसभा में हंगामा किया
- देवस्वम बोर्ड ने सोने की चोरी के आरोपों को नकारा










