
Delhi : राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे 10 बांग्लादेशी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस की फॉरेनर सेल यूनिट ने तीन अलग-अलग कार्रवाइयों में इन सभी को शालीमार बाग और महेंद्र पार्क थाना क्षेत्रों से पकड़ा। इनके पास से 10 बांग्लादेशी आईडी कार्ड और 7 स्मार्टफोन बरामद किए गए हैं, जिनमें प्रतिबंधित आईएमओ ऐप इंस्टॉल था।
उत्तर-पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने मंगलवार को बताया कि पुलिस को हाल ही में सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक हैदरपुर मेट्रो स्टेशन और नई सब्जी मंडी (महेंद्र पार्क) इलाके में घूमते रहते हैं। सूचना के आधार पर इलाके में निगरानी बढ़ाई गई और टीम ने छापेमारी की। इस दौरान 8 लोग शालीमार बाग से और 2 लोग महेंद्र पार्क से पकड़े गए।
शुरुआती पूछताछ में ये सभी खुद को भारतीय नागरिक बता रहे थे लेकिन पुलिस को इनके जवाबों पर शक हुआ। जांच के दौरान मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसे फोटो और लोकेशन मिले, जो बांग्लादेश के स्थानों से मेल खाते थे। जब सख्ती से पूछताछ की गई तो सभी ने कबूल किया कि वे बांग्लादेश के रहने वाले हैं और बिना वीजा या पासपोर्ट के भारत में रह रहे थे।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ये सभी ट्रांसजेंडर हैं और उन्होंने जेंडर-अफर्मिंग सर्जरी करवा रखी थी। ये दिन में भीख मांगते थे और रात में आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल रहते थे। अपनी पहचान छिपाने के लिए भारी मेकअप, साड़ी या सलवार-सूट, विग और अन्य महिला साज-सज्जा का इस्तेमाल करते थे।
पकड़े गए आरोपितों की पहचान मोहम्मद अनवर हुसैन उर्फ रानी, मोहम्मद जकरिया सिकदर उर्फ टोमा, मोहम्मद आलामिन उर्फ ईशू,
तपस विश्वास उर्फ नंदनी, मोहम्मद मेहदी हसन सजल उर्फ लीमा, मोहम्मद सैयद चौधरी उर्फ निशिता, मोहम्मद पिंटू उर्फ पिंकी,
सूरज हौलदार उर्फ अन्नी, मोहम्मद अलीफ हुसैन अकंद सोजीब उर्फ स्नेहा और मोहम्मद महाबुल अहमद उर्फ मौरी के रूप में हुई है। यह सभी बांग्लादेश के रहने वाले हैं।
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