
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और मिरिक की पहाड़ियों में लगातार बारिश के चलते हुए भयंकर भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं। कई घर मलबे में समा गए, सड़कें टूटने से संपर्क मार्ग बाधित हो गया और सैकड़ों पर्यटक फंस गए हैं।
सबसे ज्यादा असर मिरिक में
एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के मुताबिक—
- मिरिक में 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि 7 लोगों को बचा लिया गया।
- दार्जिलिंग में 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
- जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में मलबे से 5 शव निकाले गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
35 जगहों पर भूस्खलन
गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (GTA) के सीईओ अनित थापा ने बताया कि पहाड़ियों में कम से कम 35 स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। नागराकाटा के धार गांव में भारी मलबे के बीच से अब तक 40 लोगों को जिंदा निकाला गया है।
दुर्गा पूजा के बीच फंसे पर्यटक
दुर्गा पूजा की छुट्टियों में घूमने पहुंचे सैकड़ों पर्यटक भी इस आपदा में फंस गए। कोलकाता और बंगाल के अन्य हिस्सों से आए परिवार मिरिक, घूम और लेपचाजगत जैसे पर्यटन स्थलों पर थे, जब अचानक बारिश और भूस्खलन ने कहर बरपा दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और आज उत्तर बंगाल जाकर हालात का जायजा लेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के प्रति शोक जताया और कहा कि केंद्र सरकार हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है। पुलिस, स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ टीमें लगातार बचाव व राहत कार्य में जुटी हैं।