Jhansi : गरौठा में अमर प्रेम की मिसाल- पत्नी के बाद पति ने भी त्यागे प्राण

  • दोनों का साथ-साथ हुआ अंतिम संस्कार

Jhansi : कभी-कभी वास्तविक जीवन में ऐसे प्रसंग घट जाते हैं जो किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं लगते। झांसी जिले के गरौठा कस्बे से एक ऐसी ही भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे नगर को शोक और श्रद्धा दोनों भावों में डुबो दिया। यहां एक वृद्ध दंपती ने अपने सच्चे और अटूट प्रेम से यह साबित कर दिया कि “मृत्यु भी उन्हें अलग नहीं कर सकी”।

शनिवार को नगर के सम्मानित समाजसेवी और व्यापारी रामरतन गुप्ता (75 वर्ष) की पत्नी रामदेवी गुप्ता (70 वर्ष) का निधन हो गया। पत्नी के निधन की खबर सुनते ही पति रामरतन गुप्ता को गहरा सदमा लगा। उन्होंने जैसे ही जीवनसंगिनी को खोया, मानो उनके जीवन का उद्देश्य ही समाप्त हो गया। सिर्फ कुछ ही घंटों बाद उन्होंने भी प्राण त्याग दिए। यह खबर फैलते ही पूरा कस्बा शोक में डूब गया।

अंतिम समय तक साथ— सच्चे प्रेम की अमर गवाही

गरौठा नगर में रहने वाले रामरतन गुप्ता और उनकी पत्नी रामदेवी गुप्ता का जीवन एक आदर्श जोड़े की तरह बीता। नगर के लोगों के अनुसार, दोनों ने अपने जीवन के हर सुख-दुःख में एक-दूसरे का साथ निभाया। करीब 60 साल पहले रामरतन गुप्ता राठ (जनपद हमीरपुर) से आकर गरौठा में बसे थे। उन्होंने छोटी-सी किराना दुकान से अपने जीवन की शुरुआत की थी। मेहनत, ईमानदारी और सेवा भाव से उन्होंने न सिर्फ आर्थिक रूप से सफलता पाई, बल्कि सामाजिक रूप से भी गहरी छाप छोड़ी।

रामदेवी गुप्ता, जो हर कदम पर अपने पति का साथ निभाती रहीं, अपने परिवार और समाज के लिए समर्पण की मिसाल थीं। दोनों की जोड़ी नगर में “आदर्श दंपती” के रूप में जानी जाती थी।

भावुक कर देने वाला दृश्य– एक ही चिता पर किया गया अंतिम संस्कार

शनिवार दोपहर जब दोनों के पार्थिव शरीर एक साथ श्मशान पहुंचे, तो वहां उपस्थित सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं। परिवार के सदस्यों ने दोनों की एक साथ चिताओं को अग्नि दी, तो पूरा वातावरण मौन और भावनाओं से भरा हुआ था। लोगों ने कहा —”“ऐसा दृश्य बहुत कम देखने को मिलता है, जब पति-पत्नी मृत्यु के बाद भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते।”

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