सोनम वांगचुक ने शांति की अपील की, कहा- ‘वह शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक हैं’

श्रीनगर। जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने लोगों को संदेश भेजा है कि वह शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ठीक हैं और शांतिपूर्ण तरीकों से लद्दाख के संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने के अपने संकल्प की पुष्टि की है।

उन्होंने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में हुई मौतों की स्वतंत्र न्यायिक जाँच की माँग की और कहा कि जब तक ऐसी जाँच का आदेश नहीं मिल जाता वह जेल में रहने को तैयार हैं।

उनके वकील मुस्तफा हाजी और बड़े भाई का त्सेतन दोरजे ले, जिन्होंने कल जेल में उनसे मुलाकात की, द्वारा दिए गए एक बयान में, वांगचुक ने कहा कि वह श्शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ठीक हैं और देश भर से आ रही चिंता और प्रार्थनाओं के लिए आभार व्यक्त किया।

लद्दाख के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए उन्होंने उनसे शांति और एकता बनाए रखने और शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष जारी रखने का आग्रह किया।

वांगचुक ने कहा कि छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा पाने की हमारी वास्तविक संवैधानिक माँग में मैं सर्वाेच्च निकाय केडीए और लद्दाख के लोगों के साथ दृढ़ता से खड़ा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि लद्दाख के हित में सर्वाेच्च निकाय जो भी कदम उठाएगा मैं तहे दिल से उनके साथ हूँ।

हाल की घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए वांगचुक ने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों तथा गिरफ्तार लोगों के लिए प्रार्थना की।

वांगचुक को पिछले हफ्ते हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था जिसमें चार लोग मारे गए थे और 100 से ज़्यादा घायल हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की माँग की जिसमें भूमि, पर्यावरण और रोज़गार की सुरक्षा शामिल है।

लद्दाख प्रशासन ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।

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