पीलीभीत : बीसलपुर के सखिया बाबा मेले से खदेड़े गए श्रद्धालु , हंगामा

बीसलपुर, पीलीभीत। पिछले तीन माह से चल रहे सखिया मेले को प्रशासन ने अवैध घोषित करते हुए श्रद्धालुओं को के खदेड़ दिया, मेला में दुकान लगा रहे व्यापारियों को भी बलपूर्वक हटाया गया। कार्रवाई का दबी जुबान से साधु संत विरोध कर रहे हैं, मेला में लगाई गई दुकानों को हटाने के बावजूद भी साधु संत हटाने को तैयार नहीं है और पूजा अर्चना जारी रखने की बात कही है।

तीन महीने से चल रहे सखिया मेले को प्रशासन ने अवैध घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची एडीएम ऋतु पूनिया, एसडीएम नागेंद्र पांडेय, बीसलपुर सीओ ने पुलिस बल का प्रयोग करते हुए मेले को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस फोर्स ने मेले में लगी दुकानों को हटवाया। एडीएम ऋतु पूनिया ने बताया कि मेला जिस जगह है वह जगह ग्राम समाज की है। किसी के नाम इस जमीन का पट्टा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अंधविश्वास को रोकने के लिए अखाड़ा परिषद के साधु-संतों से वार्ता की गई। हालांकि, पुलिस कार्रवाई का साधु-संतों ने विरोध किया है।

साधु-संतों ने बताया कि पुलिस कार्रवाई निंदनीय है। मेले में श्रद्धालु आ रहे हैं, वे कहीं डकैती डालने नहीं जा रहे। उन पर लाठीचार्ज मत करो, उनकी गाड़ियों का चलन मत करो। पिछले तीन महीने से प्रशासन कहां था, यह सवाल भी उठ रहा है। मेले में करोड़ों रुपए की वसूली हुई है, फिर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

साधु-संतों ने कहा कि किसी भी स्थान पर पूजा करने का अधिकार सनातन धर्म के अनुसार है। जो भी चढ़ावा जमा किया गया है, उसकी मजिस्ट्रेटी जांच होनी चाहिए। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि सरकारी जगह पर दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी गई थी। एडीएम ने बताया कि यहां पर कुछ पेड़ भी काटे जाने का मामला जानकारी में आया है, जिसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। मेले में दुकानदारों से वसूली की गई है, उसकी भी जांच कराई जाएगी।

पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के बाद कमेटी के संचालक और दुकानदारों में हड़कंप मच गया। तमाम दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर सामान समेटने लगे। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने दुकानदारों को अपनी दुकानें हटाने की चेतावनी दी। हालांकि, एडीएम ऋतु पूनिया ने बताया कि मेला कमेटी और अखाड़ा परिषद के साधु-संतों से वार्ता कर मेला अवैध घोषित कर हटवाए जाने की कार्रवाई शुरू की गई है।

तीन माह से चल रहे मेले में करोड़ों रुपए चढ़ावा आया है। तीन दिन पहले जूना अखाड़ा परिषद के मंहत सत्य गिरि ने साधु-संतों के साथ मेले पर अपना कब्जा कर लिया था। जब से जूना अखाड़ा परिषद के मेले में पहुंचने की खबर मिली, तभी प्रशासन ने आनन-फानन में सखिया मेले को अवैध घोषित कर दिया। जबकि साधु-संतों का कहना है कि पिछले तीन माह से प्रशासन नींद में सो रहा था। अचानक ऐसा क्या हो गया कि एडीएम को मेले में पहुंचकर दुकानें हटवानी पड़ गईं? फिलहाल, धर्म से जुड़े इस मामले में अचानक हुई कार्रवाई से साधु-संतों में तनाव और विवाद की आशंका बनी हुई है।

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