
Madhya Pradesh Cough Syrup : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 11 मासूम बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस ने इस मामले में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है, जिन पर जहरीला सिरप प्रिस्क्राइब करने का आरोप है। जांच में खुलासा हुआ है कि सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लायकॉल जैसी खतरनाक रासायनिक मात्रा पाई गई, जो बच्चों की मौत का मुख्य कारण बनी। सीएम मोहन यादव ने पूरे प्रदेश में Coldrif सिरप की बिक्री पर बैन लगा दिया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
छिंदवाड़ा के परासिया क्षेत्र में शनिवार देर रात कोतवाली थाना क्षेत्र में एसपी की विशेष टीम ने क्लिनिक के पास से डॉक्टर डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला है कि डॉ. सोनी अपने निजी क्लिनिक में छुट्टी के दौरान बच्चे का इलाज कर रहे थे, और उनके क्लिनिक के पास ही उनकी पत्नी का मेडिकल स्टोर “अपना मेडिकल” है, जहां से यह जहरीला सिरप बेचा गया। मुख्य रूप से ‘कोल्ड्रिफ’ और ‘नेस्ट्रो डीएस’ सिरप की सिफारिश डॉ. सोनी ने ही की थी। इनमें से सात बच्चों की मौत उनके क्लिनिक में ही इलाज के दौरान हुई।
राज्य सरकार की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि संदिग्ध सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लायकॉल पाया गया, जो एक अत्यंत जहरीला रासायनिक है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसी जहरीली मात्रा के कारण बच्चों की किडनी फेल हुई और मौत हुई। नागपुर से रिपोर्ट आने के बाद भी डॉ. सोनी ने सिरप लिखना जारी रखा, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
गिरफ्तार डॉक्टर बोला- ‘क्वालिटी चेक करना सरकार का काम’
डॉ. सोनी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, “डॉक्टर का काम दवा लिखना है, असली या नकली देखना सरकार का काम।” इस बयान ने सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया है और लोगों का गुस्सा बढ़ गया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि यदि डॉक्टर इतनी लापरवाही कर सकते हैं, तो आम नागरिक किस पर भरोसा करें?
अन्य बच्चों का इलाज और कंपनी पर आरोप
पुलिस ने बताया कि अभी भी 14 बच्चे इलाजरत हैं, जिन्हें वही जहरीली सिरप दी गई थी। दवा निर्माता कंपनी ‘श्रीसन फार्मास्युटिकल’ पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। कंपनी पर आरोप है कि उसने प्रतिबंधित रासायनिक तत्वों का उपयोग किया, जबकि यह सिरप पहले ही राजस्थान और तमिलनाडु में बैन था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए पूरे प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा, “दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” साथ ही, औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि मिलावटी दवाओं को तुरंत फ्रीज कर जब्त किया जाए।
आर्थिक सहायता और आगे की कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 11 बच्चों के मृतक परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिन बच्चों का इलाज चल रहा है, उनके उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। सरकार की यह संवेदनशीलता जरूर सराहनीय है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हुई?
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