Ghaziabad : बरेली जा रहे सपा डेलिगेशन को यूपी गेट पर रोका गया

Ghaziabad : बरेली कांड के बाद जहां राजनीतिक पार्टियों में भूचाल आया है, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने और कानून का राज स्थापित करने के लिए पुलिस प्रशासन को पूरी आज़ादी दी गई है। साथ ही कानून के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। उनके घरों और प्रतिष्ठानों पर बुलडोज़र की कार्रवाई की जा रही है।

हालांकि इसी बीच पुलिस और सपा नेताओं के बीच हॉट टॉप भी देखने को मिला, तो वहीं कुछ जगह धक्का-मुक्की भी हुई। सपा नेताओं ने इसे सत्ता पक्ष की तानाशाही बताया और काफी समय तक हॉट टॉक चली।

विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने इसे सत्ता का दुरुपयोग और एकतरफा कार्रवाई बताया। इसी के चलते समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बरेली में डेलिगेशन भेजा, ताकि वहां के लोगों की पीड़ा को समझा जा सके।

इस डेलिगेशन में दिल्ली से रवाना होने वालों में सपा सांसद इकरा हसन, सांसद मुजफ्फरनगर हरेंद्र मलिक, सांसद रामपुर सहित तमाम सदस्य शामिल थे। यूपी गेट पर जैसे ही सपा डेलिगेशन पहुंचा, गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें रोक लिया और कानून व्यवस्था का हवाला दिया। इसके चलते सपा सांसद और नेताओं ने इसे सत्ता पक्ष की हिटलरशाही बताया।

सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि बरेली में एक समुदाय को टारगेट करने का कार्य सत्ता पक्ष ने किया है। हम वहां लोगों की पीड़ा को समझने के लिए जा रहे थे, लेकिन यूपी गेट पर हमें रोका गया। उन्होंने कहा, हम सिर्फ लोगों की पीड़ा समझने जा रहे थे, ना कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने।

सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि डेलिगेशन बरेली जा रहा था। वहां एक समुदाय को टारगेट कर कार्यवाही की जा रही है। हमारा मकसद सिर्फ लोगों की पीड़ा को समझना था, ना कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन करना। उन्होंने कहा कि यूपी गेट पर हमें रोकना सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष को दबाने का कार्य है।

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