
शिमला : हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की वित्तीय हालत गंभीर हो गई है। पिछले ढाई महीने में भारी बारिश के कारण निगम को लगभग 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिससे कर्मचारियों का वेतन और पेंशन लंबित हो गया है।
निगम प्रबंधन ने राज्य सरकार से अतिरिक्त ग्रांट की मांग की है ताकि दिवाली से पहले सभी कर्मचारियों को वेतन और पेंशन समय पर जारी किया जा सके। वर्तमान में हर महीने कर्मचारियों के वेतन के लिए 46 करोड़ रुपए और पेंशन के लिए 23.50 करोड़ रुपए की आवश्यकता होती है। पेंशन पाने वाले लगभग 8,500 लोग हैं।
राज्य सरकार हर महीने एचआरटीसी को ग्रांट इन एड देती है। सितंबर में निगम को 56 करोड़ रुपए जारी किए गए थे, जिसमें 46 करोड़ रुपए केवल वेतन पर खर्च हो गए। इसी कारण पेंशनरों की अधिकांश पेंशन लंबित रही और केवल 65 वर्ष से ऊपर के पेंशनरों को भुगतान किया गया।
15 अक्टूबर को होगा प्रदर्शन
एचआरटीसी पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति 15 अक्टूबर को निगम मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी। महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि इसके लिए चालक, परिचालक और अन्य यूनियनों का सहयोग लिया जा रहा है। पेंशनरों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
एक साल से लंबित पेंशन
पेंशनरों का आरोप है कि पिछले लगभग एक साल से उन्हें समय पर पेंशन नहीं मिल रही है, जिससे रोजमर्रा के खर्चों और दवाइयों का प्रबंध करना मुश्किल हो गया है।
निगम की प्रतिक्रिया
एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशन जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। सरकार के समक्ष मामले को उठाया गया है। उन्होंने बताया कि निगम 150 करोड़ का ऋण ले रहा है और सेवानिवृत्ति के बाद लंबित पेंशन मामलों का निर्धारण भी जल्द किया जाएगा।