
- यूपी में बढ़ते अपराध के लिए अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरा
- कहा, एनसीआरबी की रिपोर्ट पर पर्दा डालकर जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश
Lucknow : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि झूठे आंकड़े बनाने और अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने में भाजपा का कोई जवाब नहीं। जनता की आंखों में धूल झोंकने में उसे महारत हासिल है।
अभी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपराध के जो आंकड़े दर्ज किए हैं उसमें उत्तर प्रदेश हत्या, अपहरण, महिला अपराध में नम्बर वन है। लेकिन जैसी कि भाजपा की आदत है उसने सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी दिखा दी। उसके धोखा देने के कार्यक्रम की पोल खुल चुकी है। हर कोई अब भाजपा राज से छुटकारा पाने को बेताब है। क्योंकि जब तक भाजपा रहेगी किसी की जिंदगी सुरक्षित नहीं रहेगी।
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि महिला अपराध दर मामलों में सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए है। वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश में 223 बच्चों की हत्या, 19 की बलात्कार के बाद हत्या, 8160 बच्चों का अपहरण हुआ। उत्तर प्रदेश में दहेज हत्या के 2141 मामले दर्ज हुए। महिलाओं के अपहरण और बंधक बनाने के 15074 मामले सामने आए।
मुख्यमंत्री जी यह कहते नहीं थकते कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों की खैर नही। भाजपा सरकार ने अपराध और अपराधियों पर रोक लगा दी है। लेकिन यह बयान सिर्फ छलावा साबित हो रहा है। राजधानी लखनऊ सहित तमाम जनपदों में रोज ही महिलाओं से छेड़छाड़, चेन स्नैचिंग, बच्चियों से दुष्कर्म और कमजोर लोगों की जमीनों पर कब्जे की शिकायतें सुर्खियां बटोरती हैं। भाजपा राज में किसानों की बड़ी दुर्दशा है। कृषि श्रमिकों की हत्या के मामले बढ़ रहे हैं। कर्ज से परेशान किसान अपने परिवार सहित आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे है।
इधर बाढ़ से किसानों को बहुत नुकसान हुआ। उन्हें मुआवजा नहीं मिला। खाद न मिलने से परेशान कई किसानों की लाइन में लगे-लगे मौत हो गई। सरकारी आंकड़े किसानों के साथ हुए अपराधों का ब्यौरा नहीं देते है। ब्यौरा सामने आता तो पता चलता कृषकों और खेत-मजदूरों की जिंदगी कितनी बदहाल होती जा रही है। उनके शोषण की इंतिहा नहीं है।
उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ अपराध के आंकड़े विचलित करने वाले है। दलितों का दमन चरम पर है। एनसीआरबी के अनुसार दलितों के प्रति अपराध में उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर है। उत्तर प्रदेश में दलित अपराध के 15130 मामले दर्ज हुए हैं। भाजपा के प्रभुत्ववादी, वर्चस्ववादी तत्व दलितों का हर तरह से उत्पीड़न कर रहे हैं। चूंकि भाजपा सरकार में जाति-धर्म देखकर कार्रवाई होती है इसलिए दलितों की कहीं सुनवाई नहीं होती है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा राज कानून व्यवस्था के मामले में बुरी तरह असफल है। सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में फेल है। खुद उसके नेता ही खुलेआम कानून व्यवस्था को चुनौती देते दिखाई देते है जिन पर कोई अंकुश नहीं लगता है।
मुख्यमंत्री सोचते है कि अपने विरोधी के घर बुलडोजर चला देने से प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम हो जाएगी। यह भ्रम है। जनता उनको इसके लिए माफ नहीं करेगी। सन् 2027 में भाजपा की विदाई और समाजवादी पार्टी का सत्ता में आना सुनिश्चित है।
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