चारधाम यात्रा का समापन 25 नवंबर को, बदरीनाथ धाम के कपाट होंगे बंद

गढ़वाल। उत्तराखंड के चारों धामों और पंच केदारों के कपाट शीतकालीन बंदी के लिए तारीखें तय कर दी गई हैं। विजयदशमी और भैया दूज के पावन पर्व पर पंचांग गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त निकालकर कपाट बंद किए जाएंगे। इस वर्ष की यात्रा का समापन 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ होगा, जबकि अन्य धामों के कपाट इससे पहले बंद किए जाएंगे।

यमुनोत्री धाम
यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को भैया दूज के शुभ मुहूर्त पर दोपहर 12:30 बजे बंद होंगे। इसके बाद मां यमुना खरसाली गांव में अपने शीतकालीन प्रवास पर पहुंचेंगी। कपाट बंद होने से पहले शनिदेव महाराज की डोली मां यमुना को लेने यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी।

गंगोत्री धाम
गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व के अवसर पर सुबह 11:36 बजे बंद होंगे। श्रद्धालु गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में स्थित मंदिर में दर्शन कर पाएंगे।

बदरीनाथ धाम
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। पंच पूजाएं 21 नवंबर से प्रारंभ होंगी। बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने 2026 की यात्रा के लिए हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की और पदाधिकारियों को सम्मानित किया।

केदारनाथ धाम
केदारनाथ मंदिर के कपाट 23 अक्टूबर को भैया दूज पर्व पर सुबह 8:30 बजे बंद होंगे। बाबा केदार की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के लिए उसी दिन प्रस्थान करेगी।

द्वितीय और तृतीय केदार

  • श्री मदमहेश्वर के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे। डोली 21 नवंबर तक ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुंचेगी।
  • तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 6 नवंबर को बंद होंगे। डोली 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ पहुंचेगी।

बीकेटीसी के अनुसार इस वर्ष बदरीनाथ धाम में 14,20,357 और केदारनाथ धाम में 16,02,420 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। कुल मिलाकर चार धामों और केदारों में 30,22,777 श्रद्धालुओं ने इस वर्ष यात्रा पूरी की। बीकेटीसी ने भक्तों से अपील की है कि कपाट बंद होने से पहले दर्शन कर पुण्य लाभ अवश्य अर्जित करें।

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