NCERT के ‘स्वदेशी’ मॉड्यूल: आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम

New Delhi : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने ‘स्वदेशी: वोकल फॉर लोकल’ शीर्षक से दो नए शैक्षिक मॉड्यूल पेश किए हैं, जो भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को ऐतिहासिक स्वदेशी आंदोलन के साथ जोड़ते हैं। ये मॉड्यूल स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनकर छात्रों को भारतीय उत्पादों के महत्व, सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक तकनीकी प्रगति से परिचित कराएंगे।

मॉड्यूल की शुरुआत प्रधानमंत्री के 79वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण के प्रेरक उद्धरणों से होती है, जिसमें उन्होंने आत्मनिर्भरता को “राष्ट्रीय शक्ति, सम्मान और गर्व का आधार” बताया। उन्होंने नागरिकों, दुकानदारों और उद्यमियों से भारतीय निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देने और गर्व के साथ उनका समर्थन करने का आह्वान किया।

ऐतिहासिक स्वदेशी आंदोलन से प्रेरणा

इन मॉड्यूलों में 1905 के स्वदेशी आंदोलन को विस्तार से समझाया गया है, जब कलकत्ता टाउन हॉल में बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की थी। इस आंदोलन को बाद में महात्मा गांधी ने “स्वराज की आत्मा” करार देते हुए इसे सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया। मॉड्यूल छात्रों को इस ऐतिहासिक आंदोलन की भावना से जोड़ते हुए यह सिखाते हैं कि कैसे स्वदेशी का विचार आज भी प्रासंगिक है।

आधुनिक भारत की तकनीकी प्रगति: सेमीकंडक्टर मिशन

मॉड्यूल में भारत की आधुनिक पहलों पर भी प्रकाश डाला गया है, विशेष रूप से भारत सेमीकंडक्टर मिशन पर। यह मिशन आयात पर निर्भरता को कम करने और सेमीकंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्वदेशी क्षमता को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है। सेमीकंडक्टर आज स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, रक्षा प्रणालियों और अन्य तकनीकी उपकरणों के लिए रीढ़ की हड्डी हैं। मॉड्यूल में बताया गया है कि कैसे भारत चिप निर्माण और डिज़ाइन में निवेश करके वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो न केवल आर्थिक विकास बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

वोकल फॉर लोकल: जमीनी स्तर की प्रेरक कहानियां

मॉड्यूल में स्थानीय उद्यमिता की प्रेरणादायक कहानियां शामिल हैं, जो ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को जीवंत करती हैं।

केरल की बोधि साथवा कॉयर वर्क्स: केरल की एक महिला उद्यमी ने स्थानीय महिलाओं को रोजगार देकर हस्तनिर्मित नारियल रेशे की चटाइयों का उत्पादन शुरू किया। ये चटाइयां अब वैश्विक बाजारों में निर्यात की जा रही हैं, जिससे स्थानीय समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।

राजस्थान की गौशाला क्रांति: जोधपुर जिले के एक युवा उद्यमी ने गाय के गोबर से पर्यावरण अनुकूल दीये, कम्पोस्ट और हर्बल उत्पाद बनाकर एक गौशाला को रोजगार सृजन का केंद्र बना दिया। इस पहल ने न केवल स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका का सृजन किया बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया।

एक जिला एक उत्पाद (ODOP): सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक सशक्तिकरण

मॉड्यूल में सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) पहल को प्रमुखता से दर्शाया गया है। इस पहल के तहत देश के 750 से अधिक जिलों से 1,200 से ज्यादा अनूठे उत्पादों की पहचान की गई है, जिनमें हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य स्थानीय उत्पाद शामिल हैं। ये उत्पाद अब GeM (Government e-Marketplace) और ONDC (Open Network for Digital Commerce) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, सिंगापुर, मिलान, न्यूयॉर्क और टोक्यो जैसे शहरों में ‘ODOP वॉल्स’ के माध्यम से इन उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार किया जा रहा है। यह पहल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए कारीगरों और छोटे उद्यमियों के लिए स्थायी बाजार प्रदान कर रही है।

छात्रों के लिए प्रासंगिक और प्रेरक पाठ

स्वदेशी की अवधारणा को छात्रों के लिए रोचक और प्रासंगिक बनाने के लिए मॉड्यूल में रोजमर्रा के उदाहरण शामिल किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर, कर्नाटक की चन्नपटना गुड़िया और तमिलनाडु की तंजावुर बॉबलहेड गुड़िया जैसे पारंपरिक खिलौनों को उपहार के रूप में चुनने की सलाह दी गई है। ये उदाहरण न केवल स्थानीय शिल्प कौशल को बढ़ावा देते हैं बल्कि आयातित उत्पादों के पर्यावरण अनुकूल और सुरक्षित विकल्पों को प्रोत्साहित करते हैं।

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम

‘स्वदेशी: वोकल फॉर लोकल’ मॉड्यूल न केवल छात्रों को भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ते हैं बल्कि उन्हें आधुनिक भारत की तकनीकी और उद्यमशीलता की उपलब्धियों से भी परिचित कराते हैं। यह पहल नई पीढ़ी में आत्मनिर्भरता, गर्व और जिम्मेदारी की भावना जागृत करने का एक सशक्त प्रयास है, जो भारत को वैश्विक मंच पर और सशक्त बनाने में योगदान देगा।

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