
जयपुर : राजस्थान में पर्यावरण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में राज्य में कुल 7,794 पर्यावरण अपराध दर्ज किए गए। यह संख्या तमिलनाडु (41,304), केरल (8,786) और महाराष्ट्र (4,854) के बाद चौथे स्थान पर है।
ध्वनि प्रदूषण सबसे बड़ा अपराध
पर्यावरण अपराधों में सबसे अधिक मामले ध्वनि प्रदूषण को लेकर दर्ज हैं। राजस्थान में ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत 5,846 मामले सामने आए हैं, जो देश में दूसरे स्थान पर हैं। इसके अलावा, वायु और जल प्रदूषण अधिनियम के तहत 1,535, वन संरक्षण अधिनियम के तहत 232 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत 181 मामले दर्ज हुए।
विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते मामलों का कारण शहरी विस्तार, भारी वाहन यातायात और धार्मिक/सामाजिक आयोजनों में नियमों का बार-बार उल्लंघन है।
पिछले तीन वर्षों के पर्यावरण अपराध
- 2021: 9,387
- 2022: 9,529
- 2023: 7,794
हालांकि 2021 के मुकाबले 2023 में मामलों की संख्या कम हुई है, राजस्थान की हिस्सेदारी देश के कुल 68,994 मामलों में 11% से अधिक है।
कार्रवाई में तेजी, रोकथाम अभी बड़ी चुनौती
राजस्थान में चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 99.7% रहा, यानी कार्यवाही में तेजी है। बावजूद इसके, पर्यावरण अपराध रोकना अब भी बड़ी चुनौती बना हुआ है।