
Chennai : भारत की विविध संस्कृतियों का विविध रंगीन परिदृश्य सदियों से परंपराओं और मान्यताओं का संगम रहा है। पूरब और उत्तर भारत की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत दक्षिण भारत से अलग दृष्टिकोण और परंपराओं को दर्शाती है। इस परिप्रेक्ष्य में, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से एक विवादित मामला सामने आया है, जिसने सामाजिक और सांस्कृतिक विमर्श को फिर से तेज कर दिया है।
वर्तमान में पूरे देश में दशहरा और विजयादशमी का त्योहार मनाया जा रहा है, जो असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। परंपरानुसार, इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। लेकिन, तमिलनाडु में एक अनूठा और विवादित घटनाक्रम हुआ, जिसमें एक समूह के कुछ लोगों ने भगवान राम के पुतले को जला दिया।
जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु की पेरियारवादी संगठन थंथई पेरियार द्रविड़र कड़गम (TDPK) ने बुधवार को चेन्नई के मायलापुर स्थित एक संस्कृत कॉलेज के बाहर राम, सीता और लक्ष्मण के पुतले जलाए। इस कार्रवाई को संगठन ने ‘रावणन लीला’ का नाम दिया, जिसे उन्होंने उत्तर भारत में मनाई जाने वाली रामलीला का जवाब बताया। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बावजूद, करीब 40 कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़कर पुतले जलाने में सफलता पाई। इस घटना के बाद, 11 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर अदालत ने रिमांड पर भेज दिया है।
संगठन का मानना है कि यह प्रदर्शनी हिंदू संस्कृति और रामायण में दलित और द्रविड़ समुदाय को राक्षस के रूप में चित्रित करने और हिंदू प्रभुत्व को बढ़ावा देने के खिलाफ है। टीडीपीके नेता एस. कुमरन ने कहा, “हमने पुलिस की नाकेबंदी तोड़कर पुतला दहन किया। यह विरोध इसलिए है क्योंकि उत्तर भारत में रावण का पुतला जलाया जाता है, जिसे हम भी जवाब में मनाते हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दिल्ली में रावण दहन रोकने की मांग की थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
इतिहासकारों का मानना है कि यह पहली बार नहीं है जब पेरियारवादी संगठनों ने इस तरह का आयोजन किया हो। वर्ष 1970 के दशक में भी इस तरह की रावणलीला का आयोजन हुआ था, और 1974 में पेरियार की पत्नी मणियम्माई ने चेन्नई में राम का पुतला दहन किया था। हालांकि, ये परंपराएं लंबे समय तक सक्रिय नहीं रहीं।
बुधवार को हुए इस विवादित आयोजन ने एक बार फिर रामायण, द्रविड़ राजनीति और सांस्कृतिक पहचान पर बहस को तेज कर दिया है, जो भारत में विविध सांस्कृतिक दृष्टिकोणों की जटिलताओं को उजागर करता है।