
Cough Syrup MP : राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (कफ सिरप) डेक्सट्रोमेथॉर्फन सिरप को लेकर चिंता बढ़ गई है। ड्रग कंट्रोलर ने तुरंत इस सिरप के उपयोग पर रोक लगा दी है और नमूने प्रयोगशाला भेजकर इसकी गुणवत्ता की जांच कराई जा रही है। अब यह सिरप सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से बच्चों को दी जा रही दवाओं में शामिल है, और इससे बच्चों की जान को खतरा पैदा हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, भरतपुर में 4 साल की एक बच्ची और जयपुर में 2 साल की एक और बच्ची की तबीयत बिगड़ गई है, जबकि सीकर में 5 साल के एक बच्चे की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में भी पिछले एक महीने में इसी तरह के सिरप पीने से छह बच्चों की किडनी संक्रमण के कारण मौत हो गई थी।
डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड, जिसे 1950 के दशक में खोजा गया था, मुख्य रूप से सूखी खांसी में दी जाने वाली एक दवा है। इसे कोडीन जैसी आदत डालने वाली दवाओं का सुरक्षित विकल्प माना जाता था। दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुनील सरीन ने बताया कि यह दवा खांसी से राहत देने के लिए मस्तिष्क में खांसी संकेतों को रोकती है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, 4 सितंबर से शुरू हुई इस खतरनाक स्थिति में अब तक बच्चों की मौतें 9 पहुंच चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस विषय में गंभीर रूप से सक्रिय हो गए हैं। वर्तमान में, प्रतिदिन लगभग 120 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है, ताकि संभावित मामलों की जल्द पहचान कर उनका उपचार किया जा सके।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा कि वे जांच कर रहे हैं कि बच्चों को यह दवा किससे मिली। यदि झोलाछाप या अनधिकृत दवाखाने से दवा दी गई होगी, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पानी की भी जांच कराई जा रही है ताकि संक्रमण का मूल कारण पता चल सके।
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