
- बेटी का पूरी रात चला इलाज – 25 हजार खर्च
Lakhimpur Kheri : गोला कस्बे के एक पैथोलॉजी सेंटर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां इलाज कराने पहुंचे ग्रामीण की बेटी को रिपोर्ट में “लिवर डैमेज” बता दिया गया, जबकि वह पूरी तरह स्वस्थ निकली। गलत रिपोर्ट के भरोसे डॉक्टर ने पूरी रात इलाज चलाया, परिजन बेचैन रहे और करीब 25 हजार रुपए का खर्च भी हुआ। मामला तूल पकड़ने पर अब शिकायत जिला स्तरीय चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस तक पहुंच गई है।
क्या है मामला?
ग्राम बैदाखेड़ा निवासी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनकी पुत्री सुधा वर्मा बीमार थी। 25 सितंबर को दोपहर करीब 12:30 बजे वह बेटी को लेकर भारत डायग्नोस्टिक सेंटर, नारायन लोहिया गली, गोला पहुंचे। यहां कराई गई जांच रिपोर्ट में लिखा आया कि बेटी का लिवर डैमेज है। रिपोर्ट देखकर सुरेन्द्र के पैरों तले जमीन खिसक गई।
घबराए पिता ने तुरंत डॉक्टर रामनरेश वर्मा को रिपोर्ट दिखाई। उन्होंने गंभीर हालात बताते हुए मरीज को बाहर दिखाने की सलाह दी। इसके बाद परिजन किराए की गाड़ी से रातों-रात लखीमपुर पहुंचे और डॉ. एन.के. वर्मा से इलाज कराया। डॉक्टर ने रिपोर्ट के आधार पर पूरी रात दवाएं दीं, लेकिन सुबह उन्हें कुछ संदेह हुआ और उन्होंने पुनः जांच कराने को कहा।
दूसरी रिपोर्ट ने खोला भंडाफोड़
26 सितंबर को सुरेन्द्र ने बेटी की जांच संकल्प पैथोलॉजी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर में कराई। यहां रिपोर्ट आई तो सब कुछ नॉर्मल निकला। यानी कि बेटी बिल्कुल ठीक थी और जो दवाएं पूरी रात दी गईं, वे सिर्फ गलत रिपोर्ट की वजह से थीं।
गुस्साए पिता ने जब भारत डायग्नोस्टिक सेंटर से फोन पर शिकायत की तो वहां से जवाब मिला – “हमारी रिपोर्ट सही है, जो करना है कर लो।”
25 हजार रुपए बर्बाद, जिंदगी खतरे में
सुरेन्द्र ने बताया कि इस फर्जी रिपोर्ट की वजह से उनकी बेटी को बेवजह भारी-भरकम दवाएं दी गईं। पूरी रात इलाज में करीब 25 हजार रुपए खर्च हो गए। यह भी आशंका जताई कि गलत दवाओं से बेटी की सेहत बिगड़ सकती थी।
शिकायत जिला स्तरीय अधिकारियों और पुलिस को
सुरेन्द्र ने अब इस पूरे मामले की शिकायत जिला स्तरीय चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस को भी दर्ज करा दी है। उनका कहना है कि पैथालॉजी की इस लापरवाही से न सिर्फ उनका आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि बेटी की सेहत को भी खतरा पैदा हुआ।
सीएचसी अधीक्षक बोले – जांच होगी
सीएचसी गोला अधीक्षक डॉ. गणेश ने बताया –
“शिकायत जिला स्तरीय अधिकारी को की गई है। अभी तक मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जैसे ही जानकारी मिलेगी, आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। लैब के अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन है, लेकिन पैथोलॉजी के रजिस्ट्रेशन को लेकर जांच करनी पड़ेगी।