
Bareilly : बरेली जिले में हाल ही में हुई हिंसा की कहानी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें ‘I Love Muhammad’ पोस्टर विवाद के बहाने पूरे शहर को जलाने की योजना बनाई गई थी।
इस योजना के तहत लगभग 5000 उपद्रवियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिन्हें ईंट, पत्थर, पेट्रोल बम और अन्य हथियार भी उपलब्ध कराए गए थे। आरोप है कि मौलाना तौकीर रजा ने 2010 की तरह 2025 में भी बरेली को दंगों की आग में झोंकने का प्रयास किया।
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि बिहार और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में दंगाइयों को बुलाया गया था, जिन्हें अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी दी गई थी ताकि पूरे शहर में एक साथ उपद्रव फैलाया जा सके। हिंसा शुरू होते ही इन दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की।
सूत्रों के अनुसार, इन उपद्रवियों को मस्जिदों में शरण दी गई थी। घटना के दिन ये लोग नमाज के बहाने बाहर निकले और फिर सड़कों पर उतर आए। भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंके, पेट्रोल बम फेंके और मीडिया कर्मियों पर हमला किया। एक पत्रकार की बाइक को नुकसान पहुंचाने की भी खबर है। अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ की हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
पुलिस का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए तथ्य सामने आ रहे हैं। यह साफ हो गया है कि यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें मौलाना तौकीर रजा ने धर्म का सहारा लेकर लोगों को भड़काने और सरकार की छवि खराब करने का प्रयास किया।
अब तक 77 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा के अलावा उनके सहयोगी नेता नदीम, शमशाद और अन्य 10 लोगों को जेल भेजा गया है। कुल 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें सात मामलों में तौकीर रजा का नाम है। एक आरोपी का हाफ एनकाउंटर किया गया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
बरेली जिला प्रशासन ने करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्तियों को चिन्हित किया है, जिनमें तौकीर रजा के संबंधियों, मददगारों और शरण देने वालों की संपत्तियां शामिल हैं। फरहत के होटल स्काईलार्क को सील करने के साथ ही आरिफ का लॉन और होटल भी सील किए गए हैं। हाजी शराफत खान के हमसफर मैरिज लॉन को भी प्रशासन ने ज़ब्त किया है। इसके अलावा, संबंधित लोगों की कई संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया है।
सपा पार्षद ओमान रजा के गैराज को भी पुलिस ने ध्वस्त किया है। पुलिस और प्रशासन की सख्ती से बरेली को बड़े नुकसान से बचाया गया है, अन्यथा शहर 2010 की तरह हिंसा की आग में झुलस सकता था। पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है, और सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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