
2 October 1869 : देश को आजादी दिलाने में जिले के क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। महात्मा गांधी भी इसे मानते और स्वीकार करते थे। वह आजादी के आंदोलन के दौरान दो बार बदायूं आए। पहली बार वह 1921 में आए थे, जब महिलाओं ने अपने जेवर और बचत का पैसा गांधी जी को दे दिया था ताकि आजादी का आंदोलन तेज हो सके।
दूसरी बार वह 1929 में उझानी में आए थे, रामलीला मैदान में सभा की और लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने का संदेश दिया।
स्वतंत्रता के समय महात्मा गांधी जी का बदायूं आना बहुत अहम था। जब वह पहली बार 1921 में आए, तो लोगों ने बहुत धूमधाम से उनका स्वागत किया। महात्मा गांधी जी ने यहां पर सभी धर्म और जाति के लोगों को एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की बात कही।
मौलाना अब्दुल माजिद बदायूंनी के आग्रह पर महात्मा गांधी जी आए थे, और उनके भाषण से बहुत लोग प्रेरित हुए। महिलाओं ने अपने जेवर और पैसे देकर महात्मा गांधी जी का समर्थन किया।
1930 में महात्मा गांधी जी ने गुलड़िया में नमक बनाया, जिसे अंग्रेजी सरकार ने कर लगा दिया था। यह नमक कानून तोड़ने का बड़ा आंदोलन था। मुंशी हेतराम सिंह और अन्य क्रांतिकारियों ने इस आंदोलन में भाग लिया। महात्मा गांधी जी ने कहा था कि 13 अप्रैल तक पूरे देश में नमक कानून तोड़ देना है। गुलड़िया में क्रांतिकारियों ने मिलकर यह काम किया और आजादी की लड़ाई को मजबूत किया।
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